Madhya Pradesh Congress List for Assembly elections 2023 : कांग्रेस ने मई 2022 की उदयपुर घोषणा में कहा था कि पार्टी, एक परिवार, एक टिकट नियम को अपनाएगी,जिसमें कहा गया है कि पांच साल के अनुभव वाले लोगों को इससे छूट दी जाएगी। विधानसभा चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें कांग्रेस ने 7 नवंबर के मध्य प्रदेश चुनावों के लिए चार परिवारों के सदस्यों को अधिक टिकट दिए हैं, जबकि एक परिवार, एक टिकट का फॉर्मूला पार्टी के आंतरिक सुधारों का हिस्सा था।
अपनी घोषणा के विपरीत कदम
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह के परिवार को तीन-तीन टिकट दिए गए हैं। गोविंद सिंह अपनी रिश्तेदार चंदा रानी गौड़ और भतीजे राहुल सिंह भदोरिया से चुनाव लड़ेंगे। दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को उनके भाई लक्ष्मण सिंह और उनके भतीजे प्रियव्रत सिंह के साथ मैदान में उतारा गया है। दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह और उनके बहनोई राजेंद्र सिंह को भी नामांकित किया गया है। वहीं सेना पटेल और उनके बहनोई मुकेश पटेल भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
वर्षों तक पार्टी के लिए काम करने वालों को टिकट
पूर्व कांग्रेस विधायक मनीष जोशी के बेटे दीपक पिंटू जोशी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया, वरिष्ठ नेता प्रेम चंद गुड्डु की बेटी रीना बौरासी सेतिया, विधायक आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील और दिवंगत पूर्व मंत्री सुभाष यादव के बेटे सचिन यादव भी पार्टी के उम्मीदवारों में शामिल हैं। एक कांग्रेस नेता ने उदयपुर घोषणा में चेतावनी का जिक्र किया और कहा कि जिन लोगों को टिकट दिया गया है जैसे दीपक पिंटू, राहुल भदोरिया, रीना बौरासी और विक्रांत भूरिया ने वर्षों तक पार्टी के लिए काम किया है।
कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी केके मिश्रा का बयान
कांग्रेस के कम से कम 57% उम्मीदवार 50 वर्ष से अधिक आयु के हैं और 43% यानी 99 उस आयु वर्ग से नीचे हैं। कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में 50% सीटें 50 से कम उम्र के उम्मीदवारों को आवंटित करने का फैसला किया। कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने कहा कि पार्टी केवल जीतने की क्षमता पर विचार करती है। कांग्रेस हर उस व्यक्ति को महत्व देती है, जो राजनीतिक रूप से प्रतिबद्ध है।
एक टिकट के सिद्धांत पर अड़ी भाजपा
वहीं सत्तारूढ़ भाजपा ने एक परिवार, एक टिकट के सिद्धांत पर अड़ी हुई है। इसने अपने पिता कैलाश विजयवर्गीय को मैदान में उतारने के बाद विधायक आकाश विजयवर्गीय को टिकट देने से इनकार कर दिया। भाजपा ने गोपाल भार्गव, मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा और पूर्व विधायक जयंत मलैया को उम्मीदवार बनाया, जबकि उनके बच्चों को टिकट नहीं दिया। मौसम बिसेन को उनके पिता और पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन द्वारा बिना किसी पद के पार्टी की सेवा करने की घोषणा के बाद मैदान में उतारा गया। बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी एक अनुशासित पार्टी है और भाई-भतीजावाद के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस की तरह नहीं हैं जो नियम बदल दे।