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मध्य प्रदेश की लोक अदालत में बिजली से जुड़े 26 हजार से अधिक मामलों में मिली छूट

Madhya Pradesh News: नगरीय विकास और आवास विभाग ने प्रदेश में शनिवार को पूरे नगरीय निकायों में नेशनल लोक अदालत में विशेष छूट शिविर का आयोजन किया।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Sep 16, 2024 18:44
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Madhya Pradesh News: नगरीय विकास और आवास विभाग ने प्रदेश में शनिवार को पूरे नगरीय निकायों में नेशनल लोक अदालत में विशेष छूट शिविर का आयोजन किया। शिविरों में नगरीय निकायों द्वारा लिए जाने वाले करों में स्पेशल छूट दी गई। इनमें संपत्ति कर, जलकर और स्वच्छ भारत कर से संबंधित मामले निपटाए गए।ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि आयोजित नेशनल लोक अदालत में तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के 26 हजार 445 प्रकरणों का निराकरण आपसी समझौते से हुआ। इन प्रकरणों में बिजली उपभोक्ताओं को 8 करोड़ 89 लाख रूपये की छूट दी गई। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी कार्यक्षेत्र में विद्युत संबंधी 12 हजार 358 प्रकरणों का निराकरण करते हुए विद्युत उपभोक्ताओं को 4 करोड़ 45 लाख 46 हजार रूपए की छूट दी गई है। लोक अदालत में नियमानुसार भोपाल रीजन में लिटिगेशन और प्रि-लिटिगेशन के कुल 7 हजार 885 मामलों में 2 करोड़ 78 लाख 83 हजार की छूट प्रदान करते हुए 6 करोड़ 10 लाख 60 हजार की राशि जमा कराई गई है। इसी प्रकार ग्वालियर रीजन अंतर्गत लिटिगेशन और प्रिलिटिगेशन के कुल 4 हजार 473 मामलों में 1 करोड़ 66 लाख 82 हजार की छूट प्रदान करते हुए 3 करोड़ 93 लाख 39 हजार की राशि जमा कराई गई है। पूरे कंपनी कार्यक्षेत्र में लोक अदालत के दौरान बिजली कंपनी के 20 करोड़ 22 लाख रूपए से ज्यादा के प्रकरणों का समाधान हुआ है।

पश्चिम क्षेत्र इलेक्ट्रीशियन डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के 5810 केस रिजॉल्वड

पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को उम्मीद के अनुसार सफलता मिली है। कंपनी के अधीन 5810 केस रिजॉल्वड हुए हैं। 50 हजार तक के 4509 प्रकरणों पर 15 जिले में करीब 2 करोड़ 30 लाख रुपए की छूट उपभोक्ताओं को दी गई है। लोक अदालत के दौरान बिजली कंपनी के 10 करोड़ रूपए से ज्यादा के प्रकरणों का समाधान हुआ है। कंपनी क्षेत्र का सबसे बड़ा प्रकरण पश्चिम क्षेत्र विद्युत कंपनी के इंदौर रीजन के बड़वाह डिवीजन के अंतर्गत टॉवर विजन कंपनी का विद्युत चोरी का मामला साल 2013 में बनाया गया था। इसका 8.39 लाख रुपए का निर्धारण किया गया। यह राशि नहीं जमा करने के फलस्वरूप ब्याज भी लाखों रूपए हो गया। न्यायाधीश के निर्देश पर निर्धारण और ब्याज कुल राशि 30.22 लाख एवं कंपाउंडिंग राशि 0.85 लाख कुल 31.05 लाख का अंतिम निर्धारण आदेश बनाया गया। टॉवर कंपनी प्रबंधन को इस राशि को लोक अदालत में भुगतान कर प्रकरण समाधान के लिए प्रेरित किया गया। लोक अदालत में 2013 से प्रचलित टावर विजन कंपनी ने पूर्ण राशि जमा की।

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पूर्व क्षेत्र इलेक्ट्रीशियन डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी कार्यक्षेत्र के 8270 केस रिजॉल्वड

नेशनल लोक अदालत में पूर्व क्षेत्र इलेक्ट्रीशियन डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी कार्यक्षेत्र के 24 जिलों में विद्युत संबंधी 8 हजार 270 प्रकरणों का निराकरण करते हुए इलेक्ट्रीकल उपभोक्ताओं को 2 करोड़ 34 लाख रूपए की छूट दी गई है। लोक अदालत में नियमानुसार जबलपुर रीजन में लिटिगेशन और प्रिलिटिगेशन के कुल 2915 मामलों में 74 हजार की छूट प्रदान करते हुए 2 करोड़ 80 लाख राशि जमा कराई गई है। सागर रीजन अंतर्गत लिटिगेशन एवं प्रिलिटिगेशन के कुल 2221 मामलों में 70 हजार की छूट देते हुए 2 करोड़ 48 लाख राशि जमा कराई गई है। रीवा रीजन में लिटिगेशन और प्रिलिटिगेशन के कुल 2639 मामलों में 71 हजार की छूट प्रदान करते हुए 3 करोड़ 51 लाख राशि जमा कराई गई है। शहडोल रीजन में लिटिगेशन और प्रिलिटिगेशन के कुल 502 मामलों में 11 हजार की छूट प्रदान करते हुए 52 लाख 60 हजार राशि जमा कराई गई है। कंपनियों द्वारा वितरण केन्द्र स्तर तक लोक अदालत के लिए प्रभावी तैयारी की गई थी।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Sep 16, 2024 06:36 PM

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