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मध्यप्रदेश एम्स में आपातकालीन चिकित्सा सम्मेलन शुरू, CM मोहन यादव बोले- मेडिसिन के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत

All India Academic Emergency Medicine Conference: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को एम्स भोपाल के अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम में 20वां अखिल भारतीय अकादमिक आपातकालीन चिकित्सा सम्मेलन का शुभारंभ किया।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Aug 10, 2024 14:53
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All India Academic Emergency Medicine Conference: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम में 20वां अखिल भारतीय अकादमिक आपातकालीन चिकित्सा सम्मेलन दीक्षान्त एवं पुरस्कार समारोह का शुभारंभ किया। पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, अध्यक्ष एम्स डॉ. सुनील मलिक, अन्य पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में चिकित्सक मौजूद थे। एम्स के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया। अतिथियों ने स्मारिका और स्वास्थ्य सेवाओं संबंधी इमरजेंसी दस्तावेज का विमोचन किया। इसमें बड़ी संख्या में देश-विदेश के प्रतिभागी शामिल हुए।

सरकार की प्राथमिकता तत्काल और प्रभावी देखभाल सुनिश्चित करना है। वन स्टेट वन हेल्थ पॉलिसी की एसओपी तैयार कर ली गई है। जिसके तहत एम्स भोपाल के साथ मिलकर पूरे प्रदेश में एक समान उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी मेडिसिन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत हो रही है। इसलिए चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर से बेहतर उपचार की व्यवस्थाएं होनी चाहिए।

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उन्होंने कहा कि जीवन बचाने का काम डॉक्टर ही करते हैं, यह बड़ा पुण्य का काम है। मध्यप्रदेश को आपातकालीन चिकित्सा के क्षेत्र में नम्बर वन बनाने के प्रयास किये जाएं। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वास्थ्य क्षेत्र का कायाकल्प कर दिया है। भारत में कोरोना का नि:शुल्क टीका लगाकर एक-एक व्यक्ति की जान बचाने का अभूतपूर्व कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि तीन दिवसीय सम्मेलन में विचारों के मंथन से इमरजेंसी मेडिसिन की दिशा में बेहतर काम होगा।

स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का काम हो रहा है- कृष्णा गौर

पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन एम्स भोपाल में हो रहा है। एम्स से मेरी काफी पुरानी यादें जुड़ी हुई है। एम्स को स्थापित करने में बाबूजी स्व. बाबूलाल गौर का विजन महत्वपूर्ण रहा है। एम्स भोपाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में मील का पत्थर बन गया है। इस सम्मेलन से नवीनतम ज्ञान और कौशल विकास का अवसर मिलेगा। मध्यप्रदेश स्वस्थ राज्य बनने की ओर अग्रसर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयास से प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं के बजट में 34% की बढ़ोत्तरी हुई है। प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं का तेजी से विकास हो रहा है।

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अमेरिका से आए डॉ. सागर सी गलवनकर ने कहा कि जीवन का कोई भरोसा नहीं है। जीवन की रक्षा एक आपातकालीन चिकित्सक ही कर सकता है। किसी भी चिकित्सा संस्थान का फेस इमरजेंसी मेडिसिन होता है। देश, समाज और मानवता के लिए अच्छे चिकित्सक तैयार करना वर्तमान की जरूरत है।

डॉक्टरों को दी जा रही है ट्रेनिंग 

एम्स भोपाल द्वारा मप्र के अलग-अलग जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के 500 से अधिक डाक्टर और नर्सिंग अधिकारियों को आपातकालीन चिकित्सा संबंधित ट्रेनिंग दी जा रही है। प्रो. सिंह ने उप मुख्यमंत्री को एम्स भोपाल द्वारा आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताया है।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Aug 10, 2024 02:53 PM

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