MP News: नगर निगम की पुरानी तिजोरियां खुली तो उसमें बेशकीमती खजाना निकला जिसे देखकर अधिकारी और कर्मचारी सब हैरान रह गए। मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर का है। जहां निगम की पुरानी तिजोरियों से सिंधिया स्टेट टाइम का खाजाना निकला है। जिसमें रत्न, हार, बांसुरी सहित अन्य जेवरात निकले हैं।
नगर निगम समिति ने कराई वीडियो और फोटोग्राफी
ग्वालियर में नगर निगम महापौर, सभापति, नेता प्रतिपक्ष सहित अन्य अधिकारियों ने निगम के पुराने मुख्यालय की तिजोरी को खुलवाया। जहां तिजोरियों से बेशकीमती खजाना निकला है। यह सभी सामान सिंधिया स्टेट टाइम का बताए गया है। जिसके बाद नगर निगम समिति ने तत्काल सीनियर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में वीडियो और फोटोग्राफी कराई। जिसके बाद सामान को वापस लॉकर में रखवा दिया गया है।
महापौर के निर्देश पर खुली तिजोरी
दरअसल, फिलहाल ग्वालियर नगर निगम दफ्तर वर्तमान में सिटी सेंटर स्तिथ नई बिल्डिंग में संचालित हो रहा है, इससे पहले नगर निगम का संचालन महाराज बाड़ा स्थित पुराने नगर निगम मुख्यालय से किया जाता था, जो कि सिंधिया स्टेट टाइम का है, इसी पुराने मुख्यालय में लंबे अच्छे से दो तिजोरिया मौजूद है। लेकिन उसे खोला नहीं गया था, जब नगर निगम महापौर के निर्देश पर बनाई गई समिति की मौजूदगी में इन दोनों तिजोरियों को खुलवाया गया तो तिजोरियों के अंदर जो मौजूद था उसे देख सभी लोगों के होश फाख्ता रह गए। क्योंकि इन तिजोरियों के अंदर से सिंधिया स्टेट टाइम के बेशकीमती रत्न, हार और कुछ खास पुरानी चीजे भी मिली हैं।
तिजोरियों से निकला सामान
- तीन जरी हार
- एक तराजू एक पल्ला बांट सेर, सवासेर(300 सा पुराने तौल के बाँट)
- 4 बेशकीमती रत्न(हीरा,पन्ना ,माणिक्य सहित अन्य)
- महाराज बाड़ा पर लगे चार गुंबद में से एक जिस पर सोने की परत है
- 7 स्टेट टाइम की सीले
- दो बड़ी और दो छोटी चांदी की बांसुरी
- अन्य बेशकीमती सामान
- जल्द होगा कीमत का आंकलन
सामान की सूची तैयार कर पंचनामा बनाया गया। सामान को लॉकर में सुरक्षित रख दिया गया है, जल्द ही बेशकीमती सामान का जौहरी से आंकलन कराने के लिए निगम आयुक्त से स्वीकृति ली जाएगी, जिसके बाद सामान को फिर से निकालकर परीक्षण कराया जाएगा। गौरतलब है कि बहुमूल्य सामान सिंधिया स्टेट काल का है। क्योंकि उनके राजशाही कार्यकाल में नगर निगम बन चुकी थी।
ग्वालियर से कर्ण मिश्रा की रिपोर्ट
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