Former CM Shivraj Singh Chouhan Changed Social Media Bio: एमपी में बुधवार यानी 13 दिसंबर को नये सीएम मोहन यादव ने शपथ ले ली। इसके बाद पहली कैबिनेट बैठक में उन्होंने कई बड़े और अहम निर्णय लिये। इस बीच सीएम शिवराज सिंह चैहान लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। विधायक दल की बैठक के बाद उन्होंने एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं मर जाऊंगा लेकिन पद नहीं मांगूगा। इससे पहले उन्होंने लाड़ली बहनों से भी मुलाकात की। लाड़ली बहनों से मिल सीएम शिवराज भावुक हो गए थे।
इस बीच शिवराज ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म एक्स पर अपना बायो बदल दिया है। उन्होंने अपने प्रोफाइल में लिखा है भाई और मामा फाॅर्मर चीफ मिनिस्टर और मध्यप्रदेश। बता दें कि इससे पहले बुधवार को उन्होंने अपने बायो में फाॅर्मर चीफ मिनिस्टर ऑफ मध्यप्रदेश लिखा था। लेकिन इस परिवर्तन के 24 घंटे बाद ही उन्होंने अपने बायो में भाई और मामा जोड़ दिया। अब इसे लेकर सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।
सीएम ने पहली कैबिनेट बैठक में लिए बड़े निर्णय
इसके बाद जब वे सीएम हाउस से निकल रहे थे तो वे भावुक हो गए। उनके घर के बाहर हजारों की संख्या में लाड़ली बहना एकत्रित हो गई। जो उनसे कह रही थी कि हमनें तो आपको चुना था लेकिन आप तो हमें छोड़कर जा रहे हैं। इतना सुनते ही उनकी आंखें नम हो गई। बता दें कि मोहन यादव ने सीएम बनते ही कई बड़े और अहम फैसले लिए हैं। जिसमें धार्मिक स्थानों पर ऊंची आवाज में बजने वाले लाउड स्पीकर पर रोक लगाने को कहा। वहीं दूसरा फैसला खुले में बिकने वाले मांस और अंडे की ब्रिकी को लेकर था। वहीं तीसरा निर्णय हर जिले में पीएम एक्सीलेंस काॅलेज को लेकर थी।
समझें इसके सियासी मायने
जानकारों की मानें तो शिवराज सिंह एमपी में हुए इस बदलाव को लेकर सहज नहीं है। उन्होंने आलाकमान के दबाव में आकर पद से इस्तीफा दिया है। विधायक दल की बैठक के बाद जिस तरह उन्होंने प्रेस वार्ता की। इससे तो लगता है कि शिवराज आर-पार के मूड में हैं। जब पत्रकारों ने उनसे दिल्ली जाने से जुड़ा सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं मर जाऊंगा लेकिन दिल्ली नहीं जाऊंगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मैं पद की याचना कभी नहीं करूंगा। सीएम शिवराज यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि जितनी भी योजनाएं मैंने शुरू की है उम्मीद है उसे मोहन यादव आगे बढ़ाएंगे और संकल्प पत्र के वादों को पूरा करेंगे।
अब उन्होंने अपने बायो में भाई और मामा शब्द जोड़े हैं। कुल मिलाकर शिवराज इस बदलाव से खुश नहीं है। वहीं जनता के प्रति उनकी सहानुभूति को देखते हुए पार्टी को यह दांव उल्टा भी पड़ सकता है। क्योंकि उनसे मिलने आ रही लाड़ली बहनें कह रही हैं कि हमनें आपको वोट दिया था। कुल मिलाकर राजनीति परसेप्शन की लड़ाई है और इसमें कहीं न कहीं शिवराज सभी नेताओं से आगे हैं। अब देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि पार्टी को यह परिवर्तन क्या गुल खिलाता है?