Joyita Mondal: पहली ट्रांसजेंडर जज जोयिता मंडल ने शुक्रवार को अपने इंदौर दौरे के दौरान ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों और विकास पर बात की। मंडल ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, “ट्रांसजेंडर्स को समाज में कानूनी अधिकार दिए गए हैं, लेकिन अभी भी उन्हें वह जगह नहीं मिल पाई है जहां वे कुछ कर सकें। सरकार को और अधिक जागरूकता कार्यक्रम चलाने चाहिए ताकि हमें समानता मिले। यह हमारे प्रति समाज के अन्य लोगों के बीच संवेदनशीलता लाएगा।
आठ साल में ट्रांसजेंडर्स के लिए कुछ नहीं किया गया
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ट्रांसजेंडरों को समान अधिकार मिलेंगे, लेकिन इसके लिए एक बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए। हमारे मानवाधिकार भी आवश्यक हैं। पिछले आठ वर्षों में ट्रांसजेंडरों के लिए कुछ भी नहीं किया गया है। कोई अस्पताल नहीं, कोई स्कूल या कॉलेज नहीं बनाया गया है।
उन्होंने ये साफ कहा कि हम इसे अलग से नहीं चाहते हैं, क्योंकि हम फिर से अलग हो जाएंगे, बल्कि जो अस्पताल, स्कूल और कॉलेज बने हैं, उनमें हमारे लिए व्यक्तिगत रूप से व्यवस्था की जानी चाहिए।
ट्रांसजेंडर्स की साक्षरता को लेकर भी की बात
ट्रांसजेंडरों में साक्षरता की बात करते हुए जज ने कहा कि इसके लिए शिक्षा क्षेत्र में फैकल्टी को प्रशिक्षित करना जरूरी है। अगर ट्रांसजेंडर्स को अच्छा माहौल मिलेगा तो समुदाय आगे बढ़ेगा। आठवीं कक्षा के बाद बड़े होने पर स्कूल की फैकल्टी उन्हें स्कूल आने से मना करती है। इस डर से वे अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं। कोई भी अपनी मर्जी से पढ़ाई नहीं छोड़ता है। उन्होंने ये भी कहा कि चाहे चुनाव हो या नौकरी, हर चीज में ट्रांसजेंडरों के लिए आरक्षण होना जरूरी है।
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