---विज्ञापन---

मध्य प्रदेश सरकार में लागू होगा लोक सुरक्षा कानून, बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने का बड़ा कदम

Public Security Act In MP: प्रदेश में भीड़भरे सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए जनसहयोग भी लिया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रमुख स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था पंचायतें जनसहयोग से करेंगी।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Sep 2, 2024 15:58
Share :
Public Security Act

Public Security Act In MP: प्रदेश के लगातार विकास को लेकर एमपी सरकार काम में जुटी हुई है। इसी के साथ ही प्रदेश की सुरक्षा को लेकर भी मुस्तैद है। इसीलिए सरकार ने मध्य प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य कर दिया है। इसकी रिकॉर्डिंग दो माह तक सुरक्षित रखनी होगी और जब भी पुलिस को जांच के लिए इसकी जरूरत होगी तो उपलब्ध करानी होगी। इसके लिए लोक सुरक्षा कानून का प्रारूप तैयार किया गया है।

इसे विधानसभा का मानसून सत्र निर्धारित समयावधि से पहले ही सत्र समाप्त होने के कारण प्रस्तुत नहीं किया जा सका था। अब गृह विभाग ने अध्यादेश के माध्यम से इसे लागू करने की तैयारी की है और प्रारूप को परिमार्जन के लिए विधि विभाग को भेजा है। प्रदेश में कॉलेज, स्कूल, मॉल, रेस्टोरेंट, अस्पताल सहित ऐसे स्थान, जहां सौ से अधिक लोग इकट्ठा होते हैं, वहां संचालकों को सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे। कैमरे लगाने के लिए ऑपरेटरों को एक-दो महीने का समय दिया जाएगा।

इस पर होने वाली लागत भी ऑपरेटरों को भी वहन करना होगा। दरअसल, इस व्यवस्था की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि जांच के दौरान पुलिस को जब भी रिकॉर्डिंग की आवश्यकता होती थी तो यह बात सामने आती थी कि सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं या फिर रिकॉर्डिंग सुरक्षित नहीं रखी जाती है। प्रस्तावित लोक सुरक्षा कानून में यह प्रविधान किया जा रहा है कि संचालकों को सीसीटीवी कैमरों की रिकार्डिंग दो माह तक सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा।

चार साल से चल रही तैयारी

प्रदेश में लोक सुरक्षा कानून बनाने की तैयारी साल 2020 यानी चार साल से चल रही है। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर गृह विभाग ने इसकी कवायद प्रारंभ की थी। तत्कालीन अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने तेलंगाना के सीसीटीवी कैमरे लगाने और उसका डाटा सुरक्षित रखने संबंधी कानून का अध्ययन कराकर फॉर्मेट तैयार कराया था। विधि विभाग द्वारा रिफाइंड करने के बाद इसे कैबिनेट के माध्यम से राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अनुमति के लिए भेजा जाएगा।

ये भी पढ़ें-  मध्य प्रदेश ने फिर हासिल किया ‘सोयाबीन प्रदेश’ का ताज, महाराष्ट्र, राजस्थान को छोड़ा पीछे

HISTORY

Written By

Deepti Sharma

First published on: Sep 02, 2024 10:44 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें