MP News: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में चीता परियोजना सफल हो रही है। क्योंकि पिछले साल मध्य प्रदेश में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाकर कूनो राष्ट्रीय उद्यान श्योपुर में बसाए गए चीतों का व्यवहार सामान्य है और वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। विशेषज्ञों द्वारा चीतों की निगरानी का काम 24 घंटे किया जा रहा है। जिससे चीता परियोजना सफल साबित हो रही है।
चार नए शावक भी जन्में
खास बात यह है कि जो चीते लाए गए हैं, उनसे चार शावक भी जन्मे हैं। चीता मित्रों सहित स्थानीय निवासी वन्य पर्यटन से आर्थिक रूप से लाभान्वित भी होने लगे हैं। राज्यवार बाघों की संख्या के आंकड़े जुलाई 2023 तक आने की संभावना है। कान्हा टाइगर रिजर्व में 27 से 29 अप्रैल को वन्य-प्राणी संरक्षण और प्रबंधन पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी, जिसमें अनेक विषय-विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे।
बाघों की जनगणना में एमपी आ सकता हैं आगे
खास बात यह है कि अखिल भारतीय बाघ गणना संबंधी जानकारी में बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 9 अप्रैल को कर्नाटक के मैसूर में अखिल भारतीय बाघ सह-परभक्षी गणना अनुमान 2022 का विमोचन किया है। इसके अनुसार मध्य भारत भू-भाग में बाघों की संख्या में सबसे ज्यादा वृद्धि की बात सामने आई है। यह इस बात का स्पष्ट संकेत भी है कि मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है। राज्यवार बाघों की संख्या के आंकड़े विधिवत रूप से जुलाई 2023 में आने की संभावना है, जिसमें मध्य प्रदेश बाजी मार सकता है।
एमपी में 6 टाइगर रिजर्व
बताया गया कि 4 साल के अंतराल में देश के सभी टाइगर रिजर्व में प्रबंधन और प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया जाता है। यह मूल्यांकन भारत सरकार विषय-विशेषज्ञों से करवाती है। मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व बेहतर श्रेणियों में शामिल हैं। वर्ष 2022 की मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश के 2 टाइगर रिजर्व कान्हा और सतपुड़ा को उत्कृष्ट श्रेणी में पेंच, बांधवगढ़ और पन्ना टाइगर रिजर्व को बहुत अच्छी श्रेणी में और संजय टाइगर रिजर्व को अच्छी श्रेणी में रखा गया है।