विपिन श्रीवास्तव, उज्जैन: मध्यप्रदेश में स्थित धर्म नगरी उज्जैन में रक्षा बंधन का त्यौहार यूं तो बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। लेकिन देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे अहम माने जाने वाले बाबा महाकाल के दरबार में गुरुवार सुबह तीन बजे भस्मारती के दौरान बाबा को विशेष राखी बांधी गई और सवा लाख लड्डुओं का महाभोग लगाया गया । ऐसी मान्यता है कि बाबा महाकाल को सबसे पहले राखी बांधी जाती है।
भांग और चन्दन से भोलेनाथ का किया आकर्षक श्रंगार
श्रावण माह का आज अंतिम दिन होने के कारण महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल की विशेष भस्मारती की गई । भस्मारती के पहले बाबा का जलाभिषेक कर महापंचामृत अभिषेक किया गया। यहां बाबा महाकाल का दूध, दही, घी, शहद और फल के रस से अभिषेक हुआ। इसके बाद भांग और चन्दन से भोलेनाथ का आकर्षक श्रंगार किया गया और भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराये गए और भस्म चढाई गई। भस्मिभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा महाकाल की भस्म आरती की गई । भक्त आज के दिन का विशेष इंतजार करते हैं। इसलिए आज महाकाल के दरबार में सुबह से ही उत्साह और आनंद का वातावरण है ।
श्रृंगार के बाद बाबा को बांधी राखी
आज रक्षाबंधन पर्व पर बाबा महाकाल को विशेष राखी बांधी गई । मान्यता है कि महाकाल की नगरी उज्जैन में हर शुभ कार्य की शुरुआत बाबा महाकाल के दरबार से होती है। सुबह भस्मारती में श्रृंगार के बाद बाबा को राखी बांधी गई । इस मौके पर राजाधिराज बाबा महाकाल की सवा लाख लुड्डुओं का महाभोग लगाया गया । इस भव्य भस्म श्रंगार और भोग के साथ बाबा की महाआरती की गई ।
रक्षाबंधन की भस्मारती पर बड़ी संख्या में भक्त बाबा के दरबार में मौजूद थे । सदियों से चली आ रही इस परंपरा के तहत बाबा महाकाल के दरबार में पंडे – पुजारियों द्वारा सबसे पहले राखी बांधकर विश्व कल्याण और रक्षा की कामना की गई । यह राखी महाकाल मंदिर के पंडे-पुजारियों के परिवार द्वारा तैयार की जाती है और खास बात यह है कि पंडे-पुजारियों के परिवार की महिलाएं खुद इस राखी को बनाती है ।