Himachal Pradesh Political Crisis: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी है। स्पीकर ने कहा कि सभी 6 विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन और जनादेश का अपमान किया है। जिन विधायकों को अयोग्य करार दिया गया है, उनमें राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, देवेंद्र सिंह, सुधीर शर्मा, चैतन्य शर्मा और इंदर दत्त लखनपाल शामिल हैं। कांग्रेस विधायक और संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने दलबदल विरोधी कानून के तहत सभी 6 विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की थी। माना जा रहा है कि बागी विधायक अब हाईकोर्ट जा सकते हैं।
#WATCH | Himachal Pradesh Assembly Speaker Kuldeep Singh Pathania says, "Six MLAs, who contested on Congress symbol, attracted provisions of anti-defection law against themselves…I declare that the six people cease to be members of the Himachal Pradesh Assembly with immediate… pic.twitter.com/QQt92aM10v
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) February 29, 2024
सीएम सुक्खू के घर हुई बैठक
इससे पहले, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में सभी कांग्रेस विधायकों की ‘ब्रेकफास्ट मीटिंग’ बुलाई थी। विधायक आशीष बुटेल ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण बैठक है। देखते हैं क्या होता है…यह एक अनौपचारिक बैठक है।
#WATCH | Himachal Pradesh CM Sukhvinder Singh Sukhu has called a 'breakfast meeting' of all Congress MLAs, today in Shimla.
MLA Ashish Butail says, "It is an important meeting. Let's see what happens…This is an informal meeting…" pic.twitter.com/cMc8lmsLdl
— ANI (@ANI) February 29, 2024
संकट का सामना कर रही सुक्खू सरकार
कांग्रेस के छह विधायकों के पाला बदलने और भाजपा के संपर्क में होने के बाद हिमाचल की सुक्खू सरकार संकट का सामना कर रही है। राज्य की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक हैं, जबकि भाजपा के 25 विधायक हैं। बाकी तीन सीटों पर निर्दलियों का कब्जा है। बुधवार को कांग्रेस विधायकों ने दो केंद्रीय पर्यवेक्षकों डीके शिवकुमार और भूपेन्द्र हुडडा से अलग-अलग मुलाकात की। पर्यवेक्षक अब अपनी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौंपेंगे।
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स्पीकर ने 15 विधायकों को किया निलंबित
स्पीकर द्वारा अपने कक्ष में हंगामा करने के लिए 15 भाजपा विधायकों को निलंबित करने के बाद कांग्रेस राज्य का बजट पारित करने में कामयाब रही। हालांकि, बीजेपी ने इस कदम की कड़ी आलोचना की। पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा के पास 25 विधायक हैं। राज्यसभा में वोटिंग के बाद संख्या बढ़कर 34 हो गई। इससे सरकार के लिए खतरा पैदा हो गया। उन्हें किसी तरह बजट पास कराना था, नहीं तो सरकार गिर जाती। इसके लिए उन्हें बीजेपी विधायकों की संख्या कम करनी पड़ी।
कांग्रेस सरकार बचाने के लिए हमें किया गया निलंबित
जयराम ठाकुर ने कहा कि मेरे सहित 15 विधायकों को निलंबित कर दिया गया है। हमें कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए निलंबित कर दिया गया था। हमारे निलंबन के बाद, उन्होंने बजट पारित किया। बीजेपी ने दावा किया कि विधानसभा में बहुमत खोने के बाद कांग्रेस ने सत्ता में रहने की नैतिक हैसियत खो दी है।
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