Himachal Pradesh Election 2022: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में फिर से लड़ने वाले 49 नेताओं की संपत्ति में पिछले पांच वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है।
इनमें से 49 उम्मीदवारों की संपत्ति में 5% से 1167% का इजाफा हुआ है जबकि नौ नेताओं की संपत्ति में -4% से -37% के बीच कमी हुई है। 2017 में इन नेताओं की औसत संपत्ति 9.30 करोड़ रुपये थी। 2022 में यह बढ़कर 12.08 करोड़ रुपये हो गई है। संपत्ति में औसत वृद्धि 30% रही है।
भाजपा विधायक की संपत्ति बढ़कर 128 करोड़ हुई
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विधायक (चोपल) बलबीर सिंह वर्मा की संपत्ति 2017 में लगभग 90.73 करोड़ से बढ़कर 2022 में 128.45 करोड़ रुपये हो गई है। उनकी पार्टी के सहयोगी अनिल शर्मा (मंडी) की संपत्ति 2017 में 40.24 करोड़ से बढ़कर 2022 में 57.48 करोड़ हो गई है।
कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह (शिमला ग्रामीण) की संपत्ति 2017 में 84.32 करोड़ से 17.06 करोड़ बढ़कर 2022 में 101.39 करोड़ हो गई।
भाजपा के नेताओं ने 2017 में 7 करोड़ से अधिक की संपत्ति में सबसे अधिक औसत वृद्धि दर्ज की, जो 2022 में 10 करोड़ से अधिक हो गई। इनकी संपत्ति में 44% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। कांग्रेस उम्मीदवारों की औसत संपत्ति लगभग 18% बढ़कर 13 करोड़ से बढ़कर 15 करोड़ हो गई।
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भाजपा के 35, कांग्रेस के 20 MLA दोबारा लड़ रहे चुनाव
भाजपा के 35 विधायक दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। इनकी औसत संपत्ति 7.25 करोड़ से 10.46 करोड़ रुपये हो गई है। औसतन इनकी संपत्ति में 44.17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं, कांग्रेस के 20 विधायक की संपत्ति 13 करोड़ से 15.31 करोड़ रुपये हो गई। माकपा के एक विधायक की संपत्ति 9.30 करोड़ से 12.08 करोड़ हुई, जो 7.22 प्रतिशत बढ़ी है। दो निर्दलीय विधायकों की औसत संपत्ति 3.68 करोड़ से 4.45 करोड़ रुपये हुई।
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