Nuh Bus Accident : हरियाणा के नूंह में हुए बस हादसे ने लोगों को दिल दहला दिया है। आग का गोला बनी बस में 10 लोग जिंदा जल गए, जबकि कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए। बस ड्राइवर ने बाइक से पीछा कर रहे जिस व्यक्ति को लुटेरा समझा, उसी ने 50 लोगों की जान बचाई। उसने बस के दरवाजे और खिड़कियों के शीशे तोड़े और फिर यात्रियों को बाहर निकाला। इस दौरान उसका हाथ और चेहरा झुलस गया था। इस दौरान उस देवदूत के साथ दो और भी व्यक्ति थे।
मथुरा-वृंदावन से लौट रही बस में ड्राइवर और सहयोगी समेत 60 लोग सवार थे। बस रात के करीब 1.45 बजे केएमपी एक्सप्रेसवे से चंडीगढ़ जा रही थी। इस दौरान खेत की रखवाली कर रहे गांव घुसपैठी के रहने वाले तालीम की नजर बस पर पड़ी। तालीम ने देखा कि बस के फ्यूल टैंक के पास आग लगी। इस पर तालीम ने अपनी बाइक से बस का पीछा किया और बस के बराबर में बाइक लाकर शोर मचाया।
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बाइक सवार के शोर मचाने के बाद भी 2 किमी तक चलती रही बस
तालीम ने बस रोकने के लिए कहा, लेकिन ड्राइवर ने बस नहीं रोकी। इसके बाद करीब 2 किलोमीटर तक बस चलती रही। इस दौरान बस में बैठे कुछ यात्री जाग गए। उन्होंने ड्राइवर से पूछा कि ये बाइक सवार युवक कौन है? इस पर चालक ने कहा कि लुटेरे हैं, सभी लोग अपनी खिड़की और दरवाजे बंद कर लें। उसने कहा कि ऐसे ही लोग गाड़ियों में लूटपाट करते हैं।
युवक ने ओवरटेक कर बस के आगे बाइक खड़ी कर दी
जब चालक ने बस नहीं रोकी तो तालीम ने अपनी गाड़ी की स्पीड बढ़ाई और बस के आगे लाकर अपनी बाइक खड़ी कर दी। फिर उसने बाइक से उतरकर हाथों से इशारा देकर बस को रोका। रास्ता न होने की वजह से चालक को बस रोकनी पड़ी, लेकिन तबतक काफी देर हो चुकी थी। पूरी बस में आग फैल गई थी। आग की जानकारी मिलते ही ड्राइवर और सहयोगी बस को छोड़कर फरार हो गए।
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तीन लोगों ने बस में बैठे यात्रियों की बचाई जान
इस दौरान बस में लगी आग को देखकर और शोर सुनकर धुलावट गांव के रहने वाले नफीस और मैनुद्दीन भी पहुंचे। तीनों ने पहले बस का दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन ये अंदर लॉक था। इसके बाद तालीम ने दरवाजे के शीशे और नफीस, मैनुद्दीन ने खिड़की के शीशे तोड़कर लोगों को बसों से बाहर निकाला। लोगों की जान बचाने में तीनों के चेहरे और हाथ झुलस गए थे।