हरियाणा के भिवानी में 9 दिन बाद मनीषा का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान श्मशान घाट पर भारी पुलिस बल मौजूद रहा। मनीषा के अंतिम संस्कार के बाद भिवानी और चरखी दादरी में इंटरनेट सेवा को बहाल किया गया है। डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर का कहना है कि इंटरनेट पर मनीषा केस से जुड़े मामलों में अफवाह फैलाने वाले लोगों पर नजर रखी जा रही है। पुलिस ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई करेगी।
भिवानी और चरखी दादरी में गुरुवार को इंटरनेट सवा बहाल कर दी गई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमित्रा मिश्रा ने एक पत्र जारी कर तत्काल बहाली के आदेश दिए हैं। मनीषा के अंतिम संस्कार होने के बाद गांव में माहौल अब शांत है। जिसके बाद इंटरनेट बहाल करने का फैसला लिया गया है। वहीं एहतियात के तौर पर मनीषा के गांव और भिवानी शहर में पुलिस को एक्टिव रहने का निर्देश जारी किया गया है।
3 बार पोस्टमार्टम के बाद हुआ अंतिम संस्कार
मनीषा की लाश मिलने के बाद पोस्टमार्टम कराया गया था। पुलिस ने पीएम रिपोर्ट के आधार में इसे सुसाइड बताया था। इस पर परिजनों और ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काटा था। परिजनों का आरोप था कि मनीषा के साथ गलत हरकत करने के बाद उसकी हत्या की गई थी। ऐसे में पुलिस कैसे कह सकती है उसने सुसाइड किया है। इसके बाद 2 बार मनीषा का पोस्टमार्टम होने के बाद गुरुवार को शव का अंतिम संस्कार किया गया है।
सुसाइड नहीं कर सकती मनीषा
परिजनों का कहना है कि मनीषा पढ़ाई में होशियार थी। वह पढ़ना चाहती थी। वह सुसाइड नहीं कर सकती। इस केस को किसी दूसरे पहलु से देखा गया है। परिजनों का आरोप है कि अगर पुलिस शुरुआत से इस केस को गंभीरता से लेकर जांच करती तो आज मनीषा के साथ गलत करने वाले जेल में होते, लेकिन उन्होंने लापरवाही बरती है।
ये है पूरा मामला
भिवानी में महिला शिक्षिका मनीषा की मौत के मामले में हुए हंगामे के बाद सरकार ने भिवानी और चरखी दादरी में इंटरनेट बंद कर दिया था। मंगलवार, 19 अगस्त की रात 11 बजे से 21 अगस्त की सुबह 11 बजे तक इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई थी। इसमें इंटरनेट, बल्क मैसेज और डोंगल शामिल थे।