Rajkot TRP Game Zone Fire Accident Update: इस तरह की चीजें होती रहती हैं। ऐसे हादसे होना आम बात है, यह शर्मनाक बयान उस शख्स का है, जिसके गेम जोन में लगी आग में जिंदा जलकर महिलाओं और बच्चों समेत 35 लोग मारे गए। जी हां, गुजरात के राजकोट में बने TRP गेम जोन मे हुए अग्निकांड के आरोपी और गेम जोन के मालिक युवराज हरि सिंह सोलंकी ने कोर्ट में हंसते हुए यह शर्मनाक बयान दिया।
उसने सुनवाई दौरान अदालत के सामने घटना के प्रति खेद की भावना व्यक्त करने की कोशिश करते हुए पश्चाताप का नाटक करने का प्रयास किया। ऐसा लग रहा था कि आरोपी अदालत में एंट्री करते समय रो रहा हो, लेकिन कुछ ही मिनटों में वह हंसने लगा और उसने कहा कि इस तरह की चीजें होती रहती हैं कि जिसे माननीय अदालत ने गंभीरता से लिया और आरोपी को फटकार लगाते हुए चुप रहने का आदेश दिया।
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14 दिन के रिमांड पर भेजे गए आरोपी
बता दें कि गत 25 मई को TRP गेम जोन में आग लगने से 35 लोग मारे गए थे। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी धवल ठक्कर, गेम जोन के प्रबंधक और रेसवे एंटरप्राइज के पार्टनर युवराज हरि सिंह सोलंकी, वेल्डर राहुल राठौड़, प्रबंधक नितिन जैन को गिरफ्तार किया है। चारों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज करके रिमांड पर लिया गया है। उन्हें सोमवार को राजकोट की जिला अदालत ने 14 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
पब्लिक प्रोसिक्यूटर तुषार गोकानी ने बताया कि अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट बीपी ठाकर की अदालत ने तीन आरोपी व्यक्तियों, युवराज हरि सिंह सोलंकी, नितिन जैन और राहुल राठौड़ का रिमांड दिया है। मुख्य आरोपी धवल को बीती रात ही पुलिस ने दबोचा है, वहीं FIR में 6 लोग आरोपी बनाए गए हैं। 4 पकड़े गए हैं और अन्य 2 की तलाश में छापेमारी की जा रही है।
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गुजरात हाईकोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार
तुषार ने बताया कि रिमांड इस आधार पर मांगा गया है कि आरोपी जांच के दौरान सहयोग नहीं कर रहे थे। जो भी सवाल पूछे जाते हैं और जो भी दस्तावेज मांगे जाते हैं, उनका गोलमोल जवाब दे रहे हैं। वहीं बता दें कि हादसे के बाद एक्शन लेते हुए गुजरात सरकार ने नगर पालिका और पुलिस विभाग के 7 अधिकारियों को निलंबित कर दिया। राजकोट नगर निगम के 2 पुलिस निरीक्षकों और नागरिक कर्मचारियों पर अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया गया है।
घटना के बाद, वडोदरा के सभी गेमिंग क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया और उन्हें अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। गुजरात हाईकोर्ट ने हादसे पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की। गुजरात सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि अवैध तरीके से गेम जोन चल रहे हैं, सरकार क्या सो रही है। प्रदेश में चल रहे अवैध गेम जोन का बंद कराने के आदेश सरकार को दिए गए हैं।
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