Modi Surname Case: मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने शिकायतकर्ता और गुजरात भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी को भी नोटिस जारी किया और उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने पर मामले की सुनवाई 4 अगस्त को तय की।
दरअसल, गुजरात हाईकोर्ट ने 7 जुलाई को राहुल की सजा पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज की थी। कांग्रेस नेता ने हाई कोर्ट के इस फैसले को शीर्ष अदालत ने चुनौती दी है। राहुल गांधी की ओर से सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश होंगे।
राहुल गांधी की याचिका पर जस्टिस बीआर गवई और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच सुनवाई करेगी। बता दें कि राहुल गांधी ने 15 जुलाई को मामले की अर्जेंट सुनवाई की याचिका लगाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई को स्वीकार कर लिया था और 21 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था।
'Modi surname' remark | Supreme Court begins hearing of plea filed by Congress leader Rahul Gandhi challenging the Gujarat High Court order which declined to stay his conviction in the criminal defamation case in which he was sentenced to two years in jail by Surat court. pic.twitter.com/vr3RTwfhvv
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) July 21, 2023
सूरत अदालत ने ‘मोदी सरनेम’ केस में 23 मार्च को राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। सजा के खिलाफ राहुल गांधी ने गुजरात हाई कोर्ट में अपील की थी, जहां कोर्ट ने सूरत कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। अब सजा पर रोक की मांग को लेकर राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
क्या होगा अगर राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत
मोदी सरनेम केस में सजा पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे राहुल गांधी को अगर राहत नहीं मिलती है तो फिर वे 2031 तक कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। नियम के मुताबिक, सेशंस कोर्ट से मिली दो साल की सजा पूरी होने के छह साल बाद तक चुनाव लड़ने पर रोक रहेगी। ऐसे में 2 साल की सजा 2025 में और फिर छह साल रोक यानी 2031 तक राहुल गांधी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
सजा बरकरार रखते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने क्या कहा था?
7 जुलाई को राहुल गांधी की याचिका खारिज करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। न्यायमूर्ति हेमंत पी. प्रच्छक ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह समाज के एक बड़े वर्ग को प्रभावित करने वाला एक गंभीर मामला है। अदालत को इसे गंभीरता और महत्व के साथ देखने की जरूरत है। अब राजनीति में शुचिता होना समय की मांग है। लोगों के प्रतिनिधियों को स्पष्ट पृष्ठभूमि का व्यक्ति होना चाहिए।
जानें मोदी सरनेम केस की पूरी टाइमलाइन
11 अप्रैल 2019: बेंगलुरु में कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करते हुए राहुल गांधी बोले- सभी चोरों का सरनेम ‘मोदी’ क्यों?
13 अप्रैल 2019: भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत।
6 मई 2019: सूरत कोर्ट पहुंचा मामला।
23 मार्च 2023: सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई।
7 जुलाई 2023: गुजरात हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा।
15 जुलाई 2023: गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
18 जुलाई 2023: राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई को तैयार हुआ सुप्रीम कोर्ट।
21 जुलाई 2023: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज…
क्या है मोदी सरनेम केस?
2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के लिए कैंपेनिंग करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी… इन सभी का सरनेम मोदी कैसे है? सभी चोरों का सरनेम मोदी कैसे है? इस मामले में गुजरात के सूरत में भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
इसी साल 23 मार्च को गुजरात की सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को इसी मामले में उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराया और दो साल की सजा सुनाई। सूरत कोर्ट के फैसले के एक दिन बाद कांग्रेस नेता को लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।