गुजरात के गांधीनगर ज़िले के मानसा तालुका के बापुपुरा गांव के चार युवकों की वापसी से उनके परिवारों ने आखिरकार राहत की सांस ली है. ऑस्ट्रेलिया जाने के लालच में ईरान की राजधानी तेहरान में बंधक बनाए गए ये चारों युवक आज सकुशल अपने वतन लौट आए.

अपहरणकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया भेजने वाले एजेंट और फैमिली को टॉर्चर का वीडियो भेजकर 2 करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की. मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीस प्रशासन भी तुरंत हरकत में आ गया. गांव के सरपंच प्रकाश चौधरी ने बताया कि परिवार ने पुलिस और स्थानीय विधायक से तुरंत संपर्क किया. विधायक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संपर्क किया, क्योंकि यह क्षेत्र अमित शाह का संसदीय क्षेत्र भी है.
परिजनों की आंखें हुईं नम
चारों युवकों की फ्लाइट दिल्ली होते हुए अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उतरी. वहां पर उनके परिजनों की आंखें नम हो गईं. वतन लौटने के बाद पूर्व विधायक अमित चौधरी की कार में इन चारों को पुलिस काफिले के साथ गांधीनगर क्राइम ब्रांच लाया गया. चार में से दो युवकों को सीधे क्राइम ब्रांच दफ़्तर ले जाकर पूछताछ की जा रही है, जबकि अन्य दो की तबीयत खराब होने के चलते उन्हें अस्पताल भेजा गया है.
गांधीनगर क्राइम ब्रांच ने पूरे नेटवर्क की जांच शुरू कर दी है. अगर युवा शिकायत दर्ज कराते हैं, तो पुलिस अपहरण, फिरौती और धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज करेगी. फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर इन युवकों को किस एजेंट ने ईरान तक पहुंचाया.
अब और सहन नहीं हो रहा- पीड़ित
सूत्रों के मुताबिक, बापुपुरा गांव के प्रिय चौहान, अजय चौधरी, अनिल चौधरी और निखिल चौधरी दिल्ली से थाईलैंड और दुबई होते हुए ईरान के तेहरान पहुंचे थे. वहां खामेनी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एक टैक्सी में बैठाकर अपहरणकर्ताओं ने उन्हें ‘हेली होटल’ नामक जगह पर बंधक बना लिया था. अपहरणकर्ताओं ने चारों युवकों के साथ मारपीट की, उन्हें बांधकर रखा और लगातार फिरौती की मांग की. परिवारजनों को भेजे गए एक वीडियो में युवक कहते दिखे—“अब और सहन नहीं हो रहा.” अपहरणकर्ताओं ने शुरू में दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी.
बीजेपी विधायक ने लिखा अमित शाह को पत्र
इस घटना के खुलासे के बाद मानसा से बीजेपी के विधायक जंयति पटेल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मदद मांगी है. विधायक ने अपने पत्र में घटना का उल्लेख करते हुए लिखा है कि महिला समेत मानसा के निवासी तीन पुरुष बापुपुरा गांव के निवासी हैं. दिल्ली से चारों एमिरेट्स की फ्लाइट से रवाना हुए थे.
वहीं, गांधीनगर एसपी ने पुष्टि की कि परिवार ने पुलिस और विधायक से संपर्क किया था. भारतीय विदेश मंत्रालय की मदद से चारों बंधकों को सुरक्षित छुड़ाया गया है. फिलहाल चारों व्यक्ति अब दिल्ली पहुंच चुके हैं और जल्द ही अपने गांव लौट जाएंगे.
कैसे पहुंचे तेहरान?
आईएम गुजरात की एक रिपोर्ट के अनुसार मानसा के बापूपुरा और बड़पुरा गांवों के इन चार गुजरातियों को पहले दिल्ली ले जाया गया और वहां से उन्हें बैंकॉक और दुबई ले जाया गया और फिर तेहरान भेज दिया गया. ईरान पहुंचने के बाद उन्हें एक टैक्सी में बिठाकर किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया. इसके बाद बंधक बना लिया गया. बंधक बनाए गए इन गुजरातियों को ईरान में भीषण यातनाएं दी गईं. आईएम गुजरात को दो कथित वीडियो क्लिप भी मिले हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि दो युवकों को नंगा करके पीट-पीटकर मारा जा रहा है. ये वीडियो क्लिप इतनी भयावह हैं कि इन्हें दिखाया नहीं जा सकता.
क्या है डंकी रूट?
विदेश में बसने की इच्छा रखने वाले लोग अक्सर अवैध तरीके से विदेश जाने के लिए जो रास्ता अपनाते हैं, उसे डंकी रूट (Donkey Route) कहा जाता है. डंकी शब्द पंजाबी भाषा के ‘डुंकी’ से आया है, जिसका अर्थ एक से दूसरे स्थान पर जाना या कूदना. विदेश में जाने के लिए यह जोखिम भरी और लंबी यात्रा होती है. इस रास्ते के लिए किसी तरह के पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होती. इस यात्रा के दौरान खराब मौसम, भूख, बीमारी, दुर्व्यवहार और कभी-कभी मौत का भी सामना करना पड़ता है.
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