Greater Noida News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में परिवहन नेटवर्क को और मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. अब गंगा एक्सप्रेस-वे को यमुना एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जाएगा. इस परियोजना को लेकर यूपीडा और यमुना प्राधिकरण के बीच समन्वय तेज कर दिया गया है. गुरुवार को यूपीडा के एसीईओ एसके साही ने यमुना प्राधिकरण के सीईओ राकेश सिंह से मुलाकात कर परियोजना के प्रारंभिक डिजाइन और रूट अलाइनमेंट पर चर्चा की.
74 किमी लंबा होगा लिंक एक्सप्रेस वे
लिंक एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 74 किलोमीटर होगी, जिसकी चैड़ाई 120 मीटर तय की गई है. यह मार्ग गंगा एक्सप्रेस-वे के 44वें किलोमीटर बिंदु से शुरू होकर यमुना एक्सप्रेस-वे के 24वें किलोमीटर बिंदु पर आकर जुड़ेगा. इससे दिल्ली-एनसीआर की कनेक्टिविटी सुधरेगी. मेरठ, बुलंदशहर और ग्रेटर नोएडा के बीच यात्रा भी आसान होगी.
बीस किमी हिस्सा यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में
लिंक एक्सप्रेस-वे का लगभग 20 किलोमीटर हिस्सा यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में आएगा, जो यमुना एक्सप्रेस-वे से चोला तक फैला होगा. शेष 54 किलोमीटर का भाग बुलंदशहर जिले में बनेगा, जो स्याना तहसील के कई गांवों से होकर गुजरेगा. भूमि सर्वेक्षण और पर्यावरण स्वीकृति की प्रारंभिक प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी.
डिजाइन और रूट अलाइनमेंट पर हुई अहम बैठक
बैठक में दोनों प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारियों ने सड़क डिजाइन, टोल प्लाजा, इंटरचेंज पॉइंट्स और हरित पट्टी योजना पर विस्तृत चर्चा की. यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि यह लिंक एक्सप्रेस-वे यमुना सिटी, जेवर एयरपोर्ट और मेरठ मंडल को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा.
निवेश को मिलेगा बढ़ावा
गंगा-यमुना एक्सप्रेस-वे लिंक बनने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश का औद्योगिक व आर्थिक विकास और तेज होगा. साथ ही नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (जेवर एयरपोर्ट) तक पहुंचना भी आसान होगा. लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण से दिल्ली, मेरठ, अलीगढ़ और आगरा की दिशा में यातायात दबाव में भी राहत मिलेगी.
ये भी पढ़ें: यमुना सिटी का घुटने लगा है दम, 329 तक पहुंचा AQI










