Fodder scam Former Bihar CM Lalu Prasad Yadav Tejashwi Yadav corruption cases: बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव का नाम सबसे पहले आता है। लेकिन उनपर भ्रष्टाचार के भी कई आरोप हैं। कुछ दिन पहले ही ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में उनसे पूछताछ की। बिहार के मुख्यमंत्री और पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव लंबे समय से करप्शन के मामलों का सामना कर रहे हैं। इसमें उन्हें सजा भी हुई है। सबसे बड़ा मामला चारा घोटाले का है। जो लंबे समय तक सुर्खियों में रहा। भ्रष्टाचार के दाग लालू की राजनीति में कभी कभी रोड़ा भी बनते हैं।
चारा घोटाले का मामला 1996 में सामने आया था। आरएसएस और बीजेपी के घोर विरोधी लालू की पार्टी अब राज्य की सत्ता में भी नहीं है। लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा रोकने समेत अपने कई फैसलों की वजह से जाने जानेवाले लालू जांच एजेंसियों के निशाने पर लंबे समय से हैं। सीबीआई और ईडी उनसे कई बार पूछताछ कर चुकी है।
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5 साल जेल, 60 लाख जुर्माना
लालू यादव को चारा घोटाला मामले में दोषी पाया गया था और 5 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। वे 3 साल 6 महीने जेल में रहे और अब जमानत पर बाहर हैं। उनपर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। बावजूद इसके राज्य में उनकी लोकप्रियता बनी हुई है। मुसलमानों और यादवों का एक बड़ा हिस्सा उन्हें नोट देता रहा है। हालांकि साल 2005 के बाद से उनकी पार्टी राज्य में अपने दम पर सरकार नहीं बना पाई है। चारा घोटाले ने लालू को भ्रष्चाचार का पर्याय बना दिया है।
#WATCH | Bihar: RJD President Lalu Prasad Yadav arrives at the ED office in Patna. A large number of RJD workers are present here and are protesting against the central govt.
He is appearing before the ED in connection with the Land for job scam case. pic.twitter.com/4RVa90o8pV
— ANI (@ANI) January 29, 2024
क्या है चारा घोटाला मामला
चारा घोटाला बिहार राज्य का सबसे बड़ा घोटाला माना जाता है। 1996 में मामला सामने आने के बाद सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की। जब यह घोटाला हुआ था तब बिहार और झारखंड एक ही राज्य थे। पशुपालन विभाग में करोड़ो रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया। 1997 में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की। मामले में जब लालू प्रसाद यादव का नाम सामने आया तो उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
#WATCH | On RJD President Lalu Prasad Yadav appearing before the ED, BJP MP Ravi Shankar Prasad says, "… He has to be answerable for what he has done… He does not have answers to the questions that ED will possibly ask. He took land in return for jobs, from people of his own… pic.twitter.com/l9Bnm29tjr
— ANI (@ANI) January 29, 2024
वहीं 27 जनवरी, 1996 को सिंहभूम जिले (अब झारखंड में) के जिला मजिस्ट्रेट ने चाईबासा शहर में पशुपालन विभाग में छापा मारा। इसमें जब्त किए गए डॉक्यूमेंट्स से गबन की बात पता चली। 17 जून 1997 को तत्कालीन राज्यपाल एआर किदवई से लालू पर मुकदमा चलाने की परमिशन मिल गई।
वहीं 23 जून 1997 को, सीबीआई ने लालू समेत 55 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। अब जमीन के बदले नौकरी मामले के दायरे में लालू यादव का पूरा परिवार आ गया है। जब लालू रेलमंत्री थे तब आईआरसीटीसी घोटाला सामने आया था। यह साल 2004 और 2009 के बीच की बात है।
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