केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Minister of State for Personnel, Public Grievances and Pensions) ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) ऑफिसर ट्रेनीज के 2023 बैच के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने सिविल सेवाओं में महिलाओं के ऐतिहासिक प्रतिनिधित्व की सराहना की। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘180 अधिकारियों में 74 महिलाओं के साथ यह बैच अब तक की सबसे ज्यादा महिला भागीदारी को दिखाता है, जो समूह का 41 फीसदी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के समय में महिलाओं के नेतृत्व ज्यादा रफ्तार से बढ़ा है। इस बैच में आधे से ज्यादा अधिकारी इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से हैं।
महिला अधिकारियों की संख्या बढ़ी
डॉ. सिंह रविवार को दिल्ली में 2023 बैच के प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘इस बैच में 74 महिला अधिकारी हैं, जो बैच के कुल 180 अधिकारियों का 41 फीसदी हैं।’ यह वार्ता यहां जारी सहायक सचिव कार्यक्रम का हिस्सा थी। इसके तहत IAS ट्रेनी अधिकारियों को एक अप्रैल से 30 मई, 2025 तक 8 सप्ताह की अवधि के लिए 46 केंद्रीय मंत्रालयों से संबद्ध (Associated) किया गया है, जिससे उनको नीति निर्माण और केंद्र सरकार के कामकाज की शुरुआती जानकारी दी जा सके।
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पीएम को दिया श्रेय
इस दौरान डॉ. सिंह ने महिलाओं की भागीदारी में बढ़ोतरी का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। उन्होंने कहा कि पीएम के कार्यकाल में ही महिलाओं के नेतृत्व में विकास की पहल को रफ्तार मिली है। मंत्री ने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री हमेशा से महिला सशक्तीकरण के हिमायती रहे हैं। यह रिकॉर्ड प्रतिनिधित्व उनके अटूट समर्थन की ही देन है।’ जितेंद्र सिंह ने 2015 में सहायक सचिव कार्यक्रम की शुरुआत पर बात की, जिसे उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के दिमाग की उपज बताया। उन्होंने बताया कि इसको युवा अधिकारियों को उनके करियर की शुरुआत में ही वास्तविक समय में शासन का अनुभव देने के लिए शुरू किया गया।
इस कार्यक्रम से अधिकारियों में आत्मविश्वास की वापसी हुई है। महामारी के दौरान, इनमें से कई अधिकारियों ने जिला-स्तरीय संकट प्रबंधन के लिए बुलाए जाने पर अच्छा काम किया। इस पहल के 10 साल पूरे होने पर उन्होंने सिविल सेवाओं के लोकतंत्रीकरण का भी जश्न मनाया, जिसमें पंजाब, हरियाणा और पूर्वोत्तर जैसे राज्यों से प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है, क्योंकि यहां पहले कम चयन होते थे। इस दौरान उन्होंने बैच की एकेडमिक एंड प्रोफेशनल डाइवर्सिटी पर गर्व करते हुए कहा कि ’99 अधिकारी इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से हैं और साथ ही कई चिकित्सा और दूसरे तकनीकी क्षेत्रों से भी हैं।’
युवा अधिकारियों को दिए टिप्स
इसके अलावा, डॉ. सिंह ने बैच की युवा औसत आयु (22-26 साल) की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्र के लिए योगदान करने के लिए एक लंबी अवधि का करियर देती करती है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, आईएएस अधिकारियों का यह बैच न केवल सबसे युवा और सबसे विविध हैं, बल्कि नए भारत की आकांक्षाओं का सबसे अधिक प्रतिनिधित्व भी करता है। उन्होंने ट्रेनी आईएएस अधिकारियों से कहा कि ‘अपने काम से करोड़ों लोगों की उम्मीदों को प्रतिबिंबित करें।’
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