Bharat Jodo Yatra: संसद का शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू होगा जो 29 दिसंबर तक चलेगा। शीतकालीन सत्र में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भाग लेंगे या नहीं, ये सवाल इन दिनों चर्चा में बना हुआ है। दरअसल, राहुल गांधी इन दिनों अपने भारत जोड़ो यात्रा पर है। यात्रा के कारण उन्होंने हिमाचल और गुजरात चुनाव में ज्यादा जनसभाएं भी नहीं की। अब शीतकालीन सत्र में उनके भाग लेने पर भी सवाल बना हुआ है।
इस सवाल पर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने रविवार को कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में भाग लेना व्यावहारिक नहीं है क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा चल रही है। वेणुगोपाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “भारत जोड़ो यात्रा चल रही है। राहुल गांधी के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में भाग लेना व्यावहारिक नहीं है।”
कांग्रेस संचालन समिति की आज हुई बैठक
उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस संचालन समिति की बैठक में हमने दो चीजों पर चर्चा की। पहला ये हमारी पार्टी का पूर्ण सत्र है। हमने फरवरी के दूसरे पखवाड़े में दूसरा सत्र आयोजित करने का फैसला लिया है, जिसका आयोजन रायपुर छत्तीसगढ़ में होगा और ये तीन दिवसीय सत्र होगा।
दूसरी चीज, हमने भारत जोड़ो यात्रा के लिए भविष्य की कार्रवाई की समीक्षा की और चर्चा की। हमने 26 जनवरी से एक बड़े अभियान ‘हाथ से हाथ जोड़ो अभियान’ को आयोजित करने का फैसला किया है। यह दो महीने का अभियान होगा।
इस अभियान के तहत देश के सभी ग्राम पंचायतों और बूथों को कवर करने के लिए ब्लॉक-स्तरीय यात्राएं और पार्टी इस यात्रा के मूल संदेश के बारे में एक पत्र सौंपेगी। इस ब्लॉक स्तरीय यात्रा के दौरान ध्वजारोहण भी होगा।
मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई बैठक
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की संचालन समिति की आज सुबह 10 बजे 24 अकबर रोड, नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में बैठक हुई। संचालन समिति के एक बयान में कहा गया है, समिति ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 85वां पूर्ण सत्र फरवरी 2023 की दूसरी छमाही में रायपुर में आयोजित किया जाएगा।
समिति ने भारत जोड़ो यात्रा की भारी सफलता और लाखों लोगों की व्यापक भागीदारी को नोट किया। यात्रा हर दिन समाज के सभी वर्गों के लोगों, विशेष रूप से युवाओं, महिलाओं, किसानों और श्रमिक वर्ग के लोगों को सुनती है और उनसे बात करती है, बंधुत्व और सद्भाव के अपने संदेश को सीधे संवाद करती है।
बयान में आगे कहा गया है कि यात्रा वही संदेश दे रही है जो भारत के आध्यात्मिक नेताओं और समाज सुधारकों ने उपदेश दिया।