दिल्ली-NCR की हवा फिर से ‘गंभीर+’ श्रेणी में पहुंच गई है. शनिवार शाम 6 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 441 दर्ज किया गया, जो दो घंटे पहले यानी 4 बजे 431 था. धीमी हवा, स्थिर वातावरण और प्रदूषकों के फैलाव में कमी जैसी प्रतिकूल मौसमीय परिस्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट देखी जा रही है.
इन हालातों को देखते हुए CAQM (कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट) की सब-कमिटी ने तत्काल प्रभाव से ग्रेप (GRAP) के स्टेज-IV यानी ‘Severe+’ प्रतिबंध लागू कर दिए हैं. यह फैसले दिल्ली और पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में पहले से लागू Stage I, II और III के उपायों के अलावा लागू होंगे.
क्या है GRAP का Stage-IV?
ग्रेप-4 उन हालातों में लागू होता है जब हवा में प्रदूषण का स्तर AQI 450 या उससे अधिक तक पहुंच जाता है. यह GRAP का सबसे सख्त चरण है, जिसके तहत लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई आपात उपाय लागू किए जाते हैं.
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इन गतिविधियों पर लगेगा ब्रेक
GRAP Stage-IV लागू होने का मतलब है कि अब दिल्ली-NCR में डीजल ट्रक एंट्री (आवश्यक सेवाओं को छोड़कर) रोक दी जाएगी. निर्माण और ध्वस्तीकरण (construction and demolition) से जुड़ी गतिविधियों पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, खासकर बड़े प्रोजेक्ट्स और सरकारी निर्माणों पर. वहीं, पेट्रोल और डीजल वाहनों की सीमा सुनिश्चित करने के लिए वाहनों पर और कड़े नियम लागू किए जा सकते हैं.
इसके अलावा, पावर प्लांट्स, वेयरहाउस, और इंडस्ट्रियल यूनिट्स को भी साफ ईंधन के उपयोग को प्राथमिकता देने और उत्सर्जन कम करने के निर्देश दिए गए हैं. सार्वजनिक परिवहन की सुविधाओं को बढ़ाने और लोगों को निजी वाहनों की बजाय मेट्रो और बस सेवाओं का उपयोग करने की अपील की गई है.
स्कूलों में रहेगी छुट्टी?
इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में 50 फीसदी सरकारी और निजी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य किया जा सकता है. साथ ही दिल्ली सरकार स्कूल में छुट्टी को लेकर भी बड़ा ऐलान कर सकती है. हालांकि अभी इन फैसलों पर सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
आनंद विहार में AQI 488 पार
हवा में घुला प्रदूषण इतना गंभीर हो चुका है कि शनिवार शाम आनंद विहार क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 488 के स्तर तक पहुंच गया, जो सीधे ‘Severe+’ श्रेणी में आता है. लोगों ने सोशल मीडिया पर भी अपनी बेचैनी जताई है. कई इलाकों में दृश्यता (Visibility) इतनी कम हो गई कि दिन में भी सड़कें धुंध के साए में डूबी नजर आईं.










