Land For Job Corruption Case : जमीन के बदले नौकरी मामले में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ेंगी या नहीं? इसे लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने लालू यादव की सीबीआई द्वारा दर्ज किए मुकदमे को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर अपना ऑर्डर सुरक्षित रख लिया है। इसे लेकर लालू की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अपनी दलीलें रखीं।
पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने कथित लैंड फॉर जॉब करप्शन केस में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर और आरोप पत्र को रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत में तर्क दिया कि केंद्रीय जांच सीबीआई ने उनके खिलाफ आवश्यक मंजूरी प्राप्त किए बिना अपनी जांच जारी रखी।
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क्लोजर रिपोर्ट दाखिल होने के बाद CBI ने की FIR : कपिल सिब्बल
लालू यादव के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मामले में 2 जून से चार्ज फ्रेम शुरू करने पर बहस शुरू होने वाली है। साल 2004 से 2009 के बीच कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इस केस में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल होने के बाद सीबीआई ने साल 2020 में एफआईआर दर्ज की, यह एक तरह से प्रताड़ित करना है।
CBI ने भी रखीं अपनी बातें
कपिल सिब्बल ने कहा कि सीबीआई ने मामले में लालू यादव के खिलाफ जांच करने के लिए मंजूरी नहीं ली और जांच पड़ताल जारी रखी। इस पर जांच एजेंसी CBI ने HC में कहा कि जिस मुद्दे को लालू यादव के वकील यहां उठा रहे हैं, वह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है और इसे सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना है।
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