(विशाल अंगरीश, चंडीगढ़) कनाडा के 41 राजनयिकों के जाने से भारत से संबंधों पर असर पड़ेगा। कनाडा के अलग-अलग वर्गों पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा। इससे स्टूडेंट्स खासे प्रभावित होंगे। क्योंकि फिलहाल चंडीगढ़ में कनाडा के दूतावास का रीजनल ऑफिस बंद कर दिया गया है। इस ऑफिस के माध्यम से पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के हजारों विद्यार्थी हर साल सितंबर और जनवरी में पढ़ाई लिए कनाडा जाते थे। अब इस कदम से जनवरी में अपनी पढ़ाई की शुरुआत करने वाले स्टूडेंट्स में घबराहट दिख रही है।
पैसा भी ज्यादा लगेगा, समय भी खर्च होगा
क्योंकि जो काम पहले चंडीगढ़ होता था, उसके लिए दिल्ली जाना होगा। जिसके लिए पैसा और समय दोनों बर्बाद होंगे। जो लोग अपने रिश्तेदारों के पास विजिटर वीजा लेकर जाना चाहते थे, उनके लिए भी यह किसी झटके से कम नहीं होगा। उनको अपनों के पास जाने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि अब वीजा प्रोसेसिंग में देरी होगी। इस संबंध में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ओर से भी एक्स पर पोस्ट अपलोड की गई है। जिसमें लिखा है कि उनकी बात यूनाइटेड अरब अमीरात के प्रेसिडेंट मोहमद बिन जायेद से हुई है।
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जिसमें उन्होंने कहा है कि हमने भारत और कानून के शासन को बनाए रखने और उसका सम्मान करने के महत्व के बारे में भी बात की। क्योंकि भारत ने कनाडा में रहने वाले सिटीजन लोगों के वीजा पर रोक लगाई हुई है। वो लोग जो अपने लोगों के पास दिवाली पर कनाडा से और शादियों के लिए भारत आना चाहते हैं। वो भारतीय वीजा खुलने का इंतजार कर रहे हैं। जबकि दिवाली के त्योहार के लिए कुछ ही दिन शेष बचे हैं। नवंबर-दिसंबर में शादियों का सीजन होता है।
काफी एनआरआई रहते हैं कनाडा में
एनआरआई जो कनाडा में रहते हैं, काफी समय पहले ही तैयारी शुरू कर देते हैं। अब उन लोगों ने अपने बच्चों और रिश्तेदारों की शादी में आने के लिए टिकट बुक करवाई हुई है। मैरिज पैलेस की बुकिंग की हुई है। अब वह क्या करेंगे। यह सवाल पंजाब और हरियाणा के मैरिज पैलेस और दुकानदार पूछ रहे हैं। साथ ही अब कनाडा में रहने वाले लोगों की नजर भारत सरकार के निर्णय पर लगी हुई है।