Earthquake News: दिल्ली NCR के बाद उत्तराखंड में बुधवार सुबह करीब 6.27 बजे पिथौरागढ़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप की गहराई जमीन से 5 किमी नीचे थी। उधर, मंगलवार रात दिल्ली एनसीआऱ समेत नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेपाल में भूकंप के झटकों के बाद एक बिल्डिंग गिर गई जिसके मलबे में दबकर छह लोगों की मौत हो गई।
Uttarakhand | An earthquake of magnitude 4.3 occurred in Pithoragarh, at around 6.27 am on Nov 9. The depth of the earthquake was 5 km below the ground: National Center for Seismology pic.twitter.com/M0AG4vwP5q
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) November 9, 2022
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार देर रात करीब 2 बजे एक साथ भारत, चीन और नेपाल में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.3 तक मापी गई।
भारत में इन राज्यों में महसूस हुए भूकंप के झटके
भारत में मंगलवार देर रात दिल्ली, यूपी, बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कुछ शहरों में भूकंप के झटके महसूस हुए। दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। USGS के मुताबिक, भूकंप का सेंटर नेपाल में दिपायल से 21 किमी दूर था। दिपायल में देर शाम को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
दिल्ली-NCR में देर रात भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए
◆ भूकंप का केन्द्र नेपाल में था जहां रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.3 थी#earthquake pic.twitter.com/iPbej9Bggn
— News24 (@news24tvchannel) November 9, 2022
नेपाल में जमीन से 10 किमी नीचे था केंद्र
नेशनल सेंटर फॉर सेस्मोलोजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र उत्तराखंड में भारत-नेपाल सीमा पर जमीन में करीब 10 किमी नीचे बताया गया है। मंगलवार रात को सबसे पहले भूकंप के झटके 8:52 पर महसूस किए गए। इसकी तीव्रता करीब 4.4 थी। जबकि इसके बाद रात 11.57 बजे दोबारा भूकंप की झटके आए। इसका केंद्र मिजोरम राज्य में बताया गया है।
कितनी तीव्रता वाला भूकंप कितना खतरनाक
0 से 1.9- सिर्फ सिस्मोग्राफी से पता चलेगा।
2 से 2.9- हल्के झटके लगते हैं।
3 से 3.9- कोई तेज रफ्तार गाड़ी आपके बगल से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
4 से 4.9- खिड़कियां हिलने लगती है। दीवारों पर टंगे सामान गिर जाते हैं।
5 से 5.9- घरों के अंदर रखे सामान जैसे फर्नीचर आदि हिलने लगते हैं।
6 से 6.9- कच्चे मकान और घर गिर जाते हैं। घरों में दरारें पड़ जाती है।
7 से 7.9- बिल्डिंग और मकानों को नुकसान होता है। गुजरात के भुज में 2001 और नेपाल में 2015 में इतनी तीव्रता का भूकंप आया था।
8 से 8.9- बड़ी इमारतें और पुल धाराशायी हो जाते हैं।
9 और उससे ज्यादा- सबसे ज्यादा तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे भी धरती हिलती हुई दिखेगी। जापान में 2011 में सुनामी के दौरान रिक्टर स्केल पर तीव्रता 9.1 मापी गई थी।
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