Delhi private schools fees regarding major decision: दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों की फीस को लेकर बड़ा आदेश जारी किया है शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए सभी निजी स्कूलों में स्कूल लेवल फीस रेगुलेशन कमेटी (SLFRC) बनाना अनिवार्य कर दिया गया है. नई व्यवस्था के तहत स्कूल फीस तय करने में पारदर्शिता होगी और इसमें अभिभावकों व शिक्षकों की भागीदारी भी जरूरी होगी. यह आदेश दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और नियंत्रण) अधिनियम, 2025 के तहत जारी किया गया है. सरकार ने निर्देश दिए हैं कि फीस बढ़ोतरी से जुड़े प्रस्ताव जल्द तय किए जाएं, ताकि अभिभावकों को समय पर राहत मिल सके. यह नियम दिल्ली के सभी निजी स्कूलों पर लागू होगा. दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली सरकार ने 1973 के कानून की स्कूल की फीस फिक्सेशन कानून बनाया,दिल्ली सरकार ने स्कूलों को फीस रेगुलेशन कानून के तरह कमेटी बनाने का निर्देश दिया.
क्या रहेगी टाइमलाइन
- 10 जनवरी 2026 तक स्कूलों को बनानी होगी कमेटी,
- 11 सदस्यीय कमेटी में शामिल होंगे 5 अभिभावक
- 25 जनवरी तक फीस बढ़ाने वाले स्कूलों को कमेटी के सामने रखना होगा.
- हर निजी स्कूल को 15 दिन के भीतर (10 जनवरी 2026 तक) स्कूल लेवल फीस रेगुलेशन कमेटी (SLFRC) बनानी होगी,
- कमेटी बनने के बाद उसके सदस्यों के नाम नोटिस बोर्ड और स्कूल वेबसाइट पर डालना जरुरी होगा.
- इस कमेटी में शिक्षा विभाग का सरकारी पर्यवेक्षक (Observer) रहेगा. जहां अभी पर्यवेक्षक नियुक्त नहीं है, वहां स्कूल को 3 कार्यदिवस में जिला उप शिक्षा निदेशक (DDE) को लिखित सूचना देनी होगी.
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अभिभावक और शिक्षक प्रतिनिधि चयन
5 अभिभावक और 3 शिक्षक प्रतिनिधियों का चयन लकी ड्रॉ (पर्ची/ड्रा) से होगा.ड्रॉ की तारीख, समय और स्थान 7 दिन पहले सार्वजनिक करना जरूरी होगा.स्कूल प्रबंधन ड्रॉ प्रक्रिया में दखल नहीं देगा.PTA में स्कूल के सभी अभिभावक और सभी शिक्षक शामिल माने जाएंगे. SLFRC के लिए होने वाले ड्रा में हर अभिभावक और शिक्षक का नाम शामिल करना जरूरी होगा,अभिभावक प्रतिनिधि के लिए पात्रता..
आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को राहत
EWS/DG/CWSN वर्ग के वे अभिभावक जिनके बच्चों की फीस माफ है, उन्हें SLFRC में अभिभावक प्रतिनिधि नहीं चुना जाएगा.अगर गलती से ऐसे किसी अभिभावक का नाम निकलता है, तो चयन रद्द होगा और वेटिंग लिस्ट से दूसरा नाम लिया जाएगा.एक परिवार से एक ही प्रतिनिधि. अगर एक ही छात्र या भाई-बहन के दो अभिभावकों के नाम निकल जाएं, तो पहले निकला नाम ही मान्य होगा.बाकी चयन रद्द कर वेटिंग लिस्ट से भरे जाएंगे.चयन के बाद मना करने पर चुना गया अभिभावक या शिक्षक अगर कमेटी में शामिल नहीं होना चाहता, तो उसे 3 कार्यदिवस में लिखित सूचना देनी होगी. वही खाली जगह वेटिंग लिस्ट या नए ड्रॉ से तुरंत भरी जाएगी.अगर वेटिंग लिस्ट में भी कोई सदस्य उपलब्ध नहीं है, तो उस वर्ग के लिए नया ड्रॉ कराया जाएगा.
आदेश नहीं माना तो स्कूलों पर कार्रवाई
अगर कोई स्कूल आदेशों का पालन नहीं करता है, जैसे SLFRC का समय पर गठन न करना,फीस प्रस्ताव समय पर जमा न करना या उस पर फैसला न करना तो ऐसे मामलों में दिल्ली स्कूल शिक्षा (फीस निर्धारण और नियंत्रण) अधिनियम व नियम, 2025 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होगा.यह आदेश दिल्ली के सभी निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों और प्रबंधकों पर लागू होगा.
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