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Delhi Pollution: राजधानी की हवा हुई जहरीली, लग सकता है ग्रैप-2, जानिए किन चीजों पर रहेगा बैन

Delhi pollution: दिल्ली में सर्दियों का मौसम शुरू होते ही दवा में जहर घुलना शुरू हो जाता है। इसके लिए पहले ही दिल्ली-एनसीआर में GRAP-1 लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही दिल्ली में ग्रैप-2 लागू किया जा सकता है।

Edited By : Shabnaz | Updated: Oct 18, 2024 08:42
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Delhi Pollution

Delhi pollution: दशहरे के बाद से दिल्ली का AQI स्तर खराब श्रेणी में पहुंच गया है। इसके लिए तीन दिन पहले दिल्ली-NCR में ग्रैप-1 लागू किया गया। इसमें कई चीजों पर पाबंदी लगाई गई। फिर से दिल्ली की हवा की गुणवत्ता खराब हुई है जिसके चलते जल्द ही GRAP-2 लगाया जा सकता है। GRAP-2 लागू होता है तो उसमें डीजल जेनरेटरों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाती है। GRAP-1,2,3 और अलग-अलग स्थितियों में लागू किया जाता है।

कितना रहा दिल्ली का AQI?

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली में AQI 285 तक पहुंच गया, जबकि फरीदाबाद का 148, गाजियाबाद का 252, ग्रेटर नोएडा का 248, गुरुग्राम का 178 और नोएडा का 242 दर्ज किया गया। 11 जगह ऐसा थी जहां पर प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा खराब रहा। जिसमें विवेक विहार AQI 332, शादीपुर 338, पंजाबी बाग 321, पटपड़गंज 352, नरेला 315, मुंडका 383, जहांगीरपुरी 352, द्वारका सेक्टर-8 316, बुराड़ी क्रॉसिंग 336, बवाना 314 और अशोक विहार में 305 AQI दर्ज किया गया।

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GRAP-2 में किन चीजों पर रहेगी पाबंदी?

GRAP-2 लागू होने के बाद प्राइवेट गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग फीस में बढ़ोतरी की जाएगी। इस दौरान सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की सर्विस को बढ़ा दिया जाएगा। प्रदूषण कम हो इसके लिए RWA अपने सिक्योरिटी गार्ड को हीटर देगा। गार्ड इसका इस्तेमाल करेंगा तो वह कूड़ा, लकड़ी या कोयला नहीं जलाएगा, जिससे प्रदूषण नहीं बढ़ेगा। डीजल जेनरेटर पर पाबंदी लगाई जाएगी। इस दौरान केवल नेचुरल गैस, बायो गैस, एलपीजी से चलने वाले जेनरेटर ही चला सकते हैं। 800kwa से ज्यादा क्षमता वाले जेनरेटर को केवल रेट्रोफिटिंग के दौरान ही चलाए जाएंगे।

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कब-कब लागू होता है GRAP?

दिल्ली और उसके आसपास की हवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए ग्रेप के चार चरण बनाए गए हैं। इसमें ग्रेप-1 तब लगाया जाता है जब हवा की गुणवत्ता (AQI) 201 से 300 यानी खराब स्थिति में पहुंच जाती है। ग्रेप-2 को लागू तब किया जाता है जब एक्यूआई 301 से 400 तक पहुंच जाता है। हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब होने (एक्यूआई 401 से 450) पर ग्रेप-3 और एक्यूआई 450 से ज्यादा होने पर ग्रेप-4 लागू किया जाता है। इस दौरान ऐसी चीजों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई जाती है जिससे हवा में प्रदूषण न फैले।

ये भी पढ़ें: पहाड़ों पर कब होगी बर्फबारी? दिल्ली-NCR समेत 7 राज्यों में बढ़ने लगी ठंड, नॉर्थ इंडिया में मौसम कैसा?

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Shabnaz

First published on: Oct 18, 2024 08:42 AM

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