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Delhi Election: दिल्ली की इन 10 सीटों पर हो सकती है कांटे की टक्कर, पिछली बार मामूली अंतर से हुआ था हार-जीत का फैसला

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस तक सभी सत्ता हासिल करने के लिए पूरा दम-खम लगा रहे हैं, क्योंकि इस बार राजधानी में एकतरफा मुकाबला नहीं दिख रहा है। साल 2025 के चुनाव में अगर कुछ वोटर्स इधर से उधर हुए तो फिर सारा सियासी गेम ही बदल जाएगा। इसीलिए कांग्रेस, भाजपा और आप पूरी ताकत लगाए हुए हैं।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Jan 31, 2025 20:13
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दिल्ली विधानसभा चुनाव की वोटिंग में अब एक सप्ताह से भी कम समय शेष रह गया है। चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे राजनीतिक लड़ाई तेज होती जा रही। इस बार दिल्ली में एकतरफा मुकाबला नहीं दिख रहा है। दिल्ली की एक-एक सीट पर चुनावी मुकाबला काफी रोमांचक दिख रहा है, जिसके चलते दिल्ली चुनाव दिलचस्प बनता जा रहा है। आज हम यहां बता रहे हैं उन 10 विधानसभा क्षेत्रों के बारे में जहां पिछली बार आप और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर हुई थी। ऐसे में सियासी समीकरण थोड़ा भी गड़बड़ाते हैं तो इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है और यहां आम आदमी पार्टी को कड़ी टक्कर मिल सकती है।

इन 10 सीटों पर हुई थी कांटे की टक्कर

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पिछली बार 2020 के विधानसभा चुनाव में 70 सीटों में से 10 पर बहुत कम अंतर से राजनीतिक पार्टियों ने हार-जीत का स्वाद चखा था। इन सीटों पर जीत और हार का खेल एक से पांच फीसदी के बीच तय हुआ था। इन सीटों पर आप व भाजपा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली थी। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, इन 10 सीटों में से आप के खाते में सात और भाजपा के खाते में तीन सीटें गई थीं। हालांकि, इस बार के विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।

विधानसभा मत  प्रतिशत का अंतर   जीत  हार
बिजवासन  0.61    आप भाजपा
आदर्श नगर 1.54    आप भाजपा
पटपड़गंज 2.26 आप भाजपा
छत्तरपुर 2.63 आप भाजपा
कृष्णा नगर  2.72 आप भाजपा
शालीमार बाग  2.95 आप भाजपा
किराड़ी  3.26  आप भाजपा
गांधी नगर  5.31  भाजपा आप
लक्ष्मी नगर  0.64    भाजपा आप
बदरपुर  1.94  भाजपा आप

 (नोट: आंकड़े चुनाव आयोग के अनुसार)

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निर्णायक मानी जा रहीं ये सीटें

गौरतलब है कि 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया था। लेकिन उपरोक्त आंकड़ों के मुताबिक इन 10 सीटों पर हार-जीत का अंतर दस हजार से भी कम वोटों का था। ऐसे में इस बार भाजपा को को उम्मीद है कि आप के खिलाफ बढ़ती एंटी-इनकंबेंसी का फायदा उसे मिलेगा। इसीलिए भाजपा इन सीटों पर खास ध्यान दे रही है। 

 

उम्मीदवार बदलने से बनेगी बात!

बीजेपी की रणनीति 2020 के चुनाव नतीजों के गहन विश्लेषण पर आधारित है। भाजपा ने पिछली बार जिन आठ सीटों पर जीत हासिल की थी, उनमें से चार पर जीत का अंतर बहुत कम था। ये सीटें थीं करावल नगर (8,223 वोट), गांधी नगर (6,079 वोट), विश्वास नगर (3,207 वोट) और बदरपुर (3,719 वोट)। इस बार भाजपा ने इन चार में से तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार बदल दिए हैं।

एक वरिष्ठ भाजपा नेता का कहना है कि इन सीटों पर हमारे उम्मीदवार बहुत कम अंतर से हारे थे। हमें पता है कि इस बार एक मजबूत कैंडिडेट और एंटी-इनकंबेंसी का फायदा हमें इन सीटों पर जीत दिला सकता है। इसीलिए उम्मीदवार बदले गए हैं। करावल नगर से विधायक मोहन सिंह बिष्ट को मुस्तफाबाद भेज दिया गया है और उनकी जगह कपिल मिश्रा को भाजपा ने टिकट दिया है। गांधी नगर में मौजूदा विधायक अनिल कुमार वाजपेयी की जगह पूर्व कांग्रेस मंत्री अरविंदर सिंह लवली को उतारा गया है।

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Edited By

News24 हिंदी

First published on: Jan 31, 2025 07:27 PM

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