दिल्ली विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सीएम रेखा गुप्ता ने दिल्ली का बजट पेश किया है। 2025-26 के लिए एक लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है। यमुना की सफाई के लिए 9 हज़ार करोड़ का आवंटन किया गया है। पानी की चोरी रोकने और माफिया पर लगाम लगाने के लिए हर टैंकर पर जीपीएस सिस्टम इंस्टॉल किया जाएगा। जीपीएस एक कमांड सेंटर से कनेक्ट होगा। जीपीएस लगाने के लिए 10 करोड़ रुपये का फंड अलग से रखा गया है। जीपीएस को लोग अपने मोबाइल से भी कनेक्ट कर सकेंगे, इससे टैंकर की मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
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सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि स्वच्छ यमुना का अभियान ही दिल्ली की पहचान बनेगा। निर्मल नदियां संस्कृति की पहचान हैं। दिल्ली में हर नागरिक को साफ पानी मुहैया कराना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। दिल्ली ने यमुना की सफाई के लिए 9000 करोड़ रुपये का बजट रखा है, जो पहले से तीन गुना ज्यादा है। सीएम रेखा ने कहा कि दिल्ली के लिए सीवर, पानी और यमुना की सफाई बड़े मुद्दे रहे हैं।
ऐप से कनेक्ट होंगे जीपीएस
टैंकरों पर लगे GPS ऐप से जुड़े होंगे, जिससे RWA ट्रैक कर पाएंगी। जल क्षेत्र परियोजनाओं के लिए अलग से बजट में 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। दिल्ली के लोगों को जो 1000 MGD पानी मिल रहा है, उसमें से कुछ पानी लीक हो जाता था। अब पानी की चोरी को रोकने के लिए इंटेलिजेंट मीटर लगाए जाएंगे। इसके लिए 150 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
पुरानी लाइन की होगी मरम्मत
500 करोड़ रुपये सीवर ट्रीटमेंट प्लांट की मरम्मत और विकास पर खर्चे जाएंगे। 250 करोड़ रुपये पुरानी लाइन को ठीक करने पर खर्च होंगे। नजफगढ़ नाले के रेनोवेशन के लिए 200 करोड़ का प्रावधान बजट में किया गया है। मुनक नहर तक पाइपलाइन बिछाई जाएगी, जिस पर 200 करोड़ खर्च होंगे। अभी यह पानी खुले में नाले के जरिए आता है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। इमरजेंसी वाटर स्टोरेज की व्यवस्था की जाएगी।
VIDEO | Delhi CM Rekha Gupta (@gupta_rekha) presents Budget 2025 in the Assembly.#delhibudget2025
(Source: Third Party)
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/7JJu8Wn8k9
— Press Trust of India (@PTI_News) March 25, 2025
केंद्र से मांगे 2 हजार करोड़
यमुना की सफाई के लिए 500 करोड़ रुपये की लागत से 40 डीसेंटरलाइज सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे, ताकि गंदे नालों का पानी नदी में न गिरे। 40 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी, इसके लिए केंद्र सरकार से 2000 करोड़ की वित्तीय मदद मांगी गई है।
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