CMO Delhi X Account Controversy: दिल्ली की सत्ता से बाहर होने के बाद आम आदमी पार्टी पर बीजेपी ने एक और बड़ा आरोप लगाया है। बीजेपी ने कहा कि आप ने एक्स पर सीएमओ दिल्ली के ऑफिशियल अकाउंट का नाम बदलकर उसे अरविंद केजरीवाल के नाम से कर दिया है। इसके अलावा आप पर दिल्ली सरकार के आधिकारिक यूटयूब चैनल से वीडियो डिलीट करने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने इस मामले में एलजी से जांच कराने की अपील की है। अब सवाल यह है कि एक्स पर सीएमओ का नाम बदलने से बीजेपी खफा क्यों हैं?
दिल्ली सीएमओ ने एक्स को मेल कर अकाउंट के दुरुपयोग और छेड़छाड़ से बचने के लिए मूल हैंडल को बहाल करने के लिए कहा है। जब सोशल मीडिया अकाउंट की बात आती है तो लड़ाई मेमोरी को लेकर नहीं होती है। केजरीवाल सरकार ने करीब 10 सालों तक इसका इस्तेमाल किया। अब असल में लड़ाई एक्स हैंडल की नहीं है, वह तो दूसरा क्रिएट किया जा सकता है। बीजेपी सोशल मीडिया की उपयोगिता को जानती है, इसलिए असली लड़ाई फाॅलोअर्स को लेकर है। ये फाॅलोअर्स ऐसे होते हैं जो किसी माइक्रोब्लाॅगिंग साइट पर किसी पार्टी के पक्ष और विपक्ष में राजनीतिक राय को आकार देते हैं।
#WATCH दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “अरविंद केजरीवाल का एक नया घोटाला सामने आया है। ये अजीब सा घोटाला डिजिटल लूट का है। CMO दिल्ली का सरकारी अकाउंट जिस पर दिल्ली के टैक्स पेयर का पैसा खर्च होता है। उस पर आज अरविंद केजरीवाल ने लिखा है कि ‘अरविंद केजरीवाल एट वर्क’… pic.twitter.com/e2wtLHAQOk
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 13, 2025
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बीजेपी जानती है डिजिटल स्पेस का महत्व
बीजेपी और आप के बीच डिजिटल स्पेस की लड़ाई तीन वजहों से है। अरविंद केजरीवाल ने अपने पहले दो कार्यकाल में कई ऐसे वीडियो पोस्ट किए, जिसमें उनको अफसरों को फटकार लगाते हुए देखा गया। झुग्गियों में उन्होंने दौरे कर अधिकारियों को फटकार लगाई। इस कारण सोशल मीडिया पर उन्हें उल्लेखनीय लोकप्रियता मिली। इससे एक्स पर सीएमओ दिल्ली के हैंडल पर अचानक फाॅलोवर्स बढ़ गए। अब आप इस डिजिटल स्पेस को गंवाना नहीं चाहती है। उधर बीजेपी भी डिजिटल स्पेस की प्रभावशीलता जानती है, इसलिए वह भी फाॅलोअर बेस खोने का जोखिम नहीं उठा सकती।