अमित पांडेय, नई दिल्ली: दिल्ली ने भारत की ईवी कैपिटल बनने की दिशा में मंगलवार को एक और अहम कदम बढ़ाया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन की पर्किंग एरिया से दिल्ली में 11 इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली ने आज पूरी दुनिया को सबसे किफ़ायती मॉडल दिया है। यहां चार्जिंग कराने पर ई-वाहन चलाना बेहद सस्ता होगा। यहां दो पहिया ईवी पर 7 पैसे, तीन पहिया पर 8 पैसे और कार पर 33 पैसे प्रति किलोमीटर खर्चा आएगा।
उन्होंने कहा कि इन 11 चार्जिंग स्टेशनों में 73 चार्जिंग प्वाइंट्स और 12 स्वैपिंग स्टेशन हैं, जहां तीन रुपए प्रति यूनिट की दर से चार्जिंग शुल्क लिया जाएगा। अगले दो महीने में दिल्ली में 100 ई-चार्जिंग स्टेशन तैयार हो जाएंगे, जहां 900 चार्जिंग प्वाइंट्स और 103 स्वैपिंग स्टेशन होंगे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ईवी पॉलिसी के तहत हमने 2024 तक दिल्ली में कुल खरीदे गए वाहनों में से 25 फीसद इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य रखा है और दो साल में हमने 10 फीसद लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।
हमने चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना को ज्यादा महत्व दिया है, जिसने ईवी को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाई है। पिछले दो साल में दिल्ली में 70 हजार ई-वाहन खरीदे गए हैं और दिल्ली ने इस मामले में न्यूयार्क और कैलिफोर्निया को भी पीछे छोड़ दिया है। इस अवसर पर डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह, स्थानीय विधायक प्रवीण कुमार के अलावा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन की पार्किंग एरिया समेत दिल्ली में 11 ईलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन की शुरूआत की। इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन पर आयोजित उद्घाटन समारोह के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने फीता काटकर ई-चार्जिंग स्टेशन की शुरूआत की। इसके अलावा, अन्य ई-चार्जिंग स्टेशनों का वर्चुअल उद्घाटन किया गया। इस दौरान अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को चार्जिंग प्वाइंट्स और स्पैपिंग चार्जिंग की विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
दिल्ली के ट्रांसपोर्ट सेक्टर का तेजी से ईवी में हो रहा है रूपांतरण
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगस्त 2020 में जब हम लोगों ने दिल्ली की इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी निकाली थी, तो हमें उम्मीद नहीं थी कि यह इतनी जल्दी और इतनी तेजी से आगे बढेगी। उस समय हम लोगों ने लक्ष्य रखा था कि 2024 में दिल्ली में जितने नए वाहन खरीदे जाएं, उनमें कम से कम 25 फीसद इलेक्ट्रिक वाहन होने चाहिए। ईवी पॉलिसी को शुरू हुए दो साल हुए हैं।
दो साल में ही हम लोगों ने करीब 10 फीसद अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है। आज दिल्ली में जितने वाहन खरीदे जाते हैं, उसका लगभग 10 फीसद इलेक्ट्रिक वाहन हैं। पिछले दो साल में दिल्ली के अंदर इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर बहुत जबरदस्त प्रगति हुई है। पिछले दो साल में करीब 70 हजार इलेक्ट्रिक वाहन खरीदे गए हैं। जितनी तेजी से दिल्ली के ट्रांसपोर्ट सेक्टर का इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में रूपांतरण (कंवर्जन) हो रहा है, उतनी तेजी दुनिया के किसी भी शहर में नहीं देखी गई है।
इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के मामले में न्यूयार्क और कैलिफोर्निया सबसे आगे माने जाते हैं, उनको भी दिल्ली ने पीछे छोड़ दिया है। दिल्ली ने न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनिया भर की सरकारों के लिए एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया है। हम लोगों ने जो चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना को महत्व दिया है।
इसने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई है। क्योंकि अगर हमने इलेक्ट्रिक के दो, तीन या चार पहिया वाहन खरीद लिए और चार्जिंग के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, तो फिर बड़ी मुश्किल होगी। इसलिए दिल्ली सरकार ने पूरी दिल्ली में चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना को बहुत ज्यादा महत्व दिया है।
दिल्ली में हैं देश के सर्वाधिक चार्जिंग प्वाइंट्स और स्वैपिंग स्टेशन
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अभी 2900 चार्जिंग प्वाइंट्स हैं और 250 स्वैपिंग स्टेशन हैं, जो पूरे देश में सबसे अधिक हैं। यह चार्जिंग प्वाइंट्स और स्पैपिंग स्टेशन सार्वजनिक स्थानों जैसे, माल, थियेटर, मॉल्स, पब्लिक कार्यालय, मेट्रो स्टेशनों पर लगाया गया है, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने वाले लोगों को सुविधा हो।
आज हमें बेहद खुशी हो रही है कि दिल्ली में एक साथ 11 ई-चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया जा रहा है। इनको अब जनता इस्तेमाल कर पाएगी। इन 11 चार्जिंग स्टेशन में 73 चार्जिंग प्वाइंट्स हैं और 12 स्वैपिंग स्टेशन हैं। इसको डीटीएल ने बनाया है और यह पीपीपी मॉडल पर आधारित है।
यह अपने तरह का यूनिक मॉडल है। जो यह 11 चार्जिंग स्टेशन बनाए गए थे, इस संबंध में एक बहुत बड़ा टैंडर किया था, उसका यह एक हिस्सा है। इस टैंडर के तहत पूरी दिल्ली में 100 ई-चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। जिसमें 900 चार्जिंग प्वाइंट्स और 103 स्वैपिंग स्टेशन होंगे। अगले दो महीने में ये सारे बनकर तैयार हो जाएंगे। हम लोग अधिकतर चार्जिंग स्टेशन को दिल्ली मेट्रो की साइट्स पर स्थापित कर रहे हैं, ताकि मेट्रो से सफर करने वाले लोग उसकी पार्किंग में अपने ई-वाहन को चार्जिंग में लगा सकें।
दिल्ली में विकसित हुआ ईवी का यह यूनिक मॉडल पूरे देश को दे सकता है एक दिशा
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह एक पीपीपी मॉडल है, जिसमें सरकार ने प्राइवेट एनटीटी को काफी सस्ते दामों में जमीन दी है और 100 किलोवॉट का उसको बिजली का कनेक्शन दिया है। इसके अलावा, चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने और उसको संचालित करने का खर्चा एनटीटी का है। यहां पर ई-वाहन मालिकों से तीन रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से चार्जिंग शुल्क लिया जा रहा है।
वर्तमान में पेट्रोल से चलने वाले एक स्कूटर पर 1.75 रुपए प्रति किलोमीटर का खर्चा आता है, जबकि इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन यहां चार्ज किया जाता है, तो उसका 7 पैसा प्रति किलोमीटर खर्चा आता है। उसी तरह, सीएनजी के थ्री-व्हीलर को चलाने में 2.62 रुपए प्रति किलोमीटर का खर्चा आता है।
वहीं, अगर इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर यहां चार्ज करेगा तो उसका 8 पैसे प्रति किलोमीटर का खर्चा आएगा। इसी तरह, पेट्रोल कार को चलाने में 7 रुपए प्रति किलोमीटर का खर्चा आता है, जबकि ईलेक्ट्रिक कार की चार्जिंग पर मात्र 33 पैसे प्रति किलोमीटर का खर्चा आएगा।
इतने कम रेट शायद पूरी दुनिया में कहीं नहीं हैं। यह पहली बार अपने देश में दिल्ली में हो रहा है। मैं समझता हूं कि दिल्ली में ईवी का जो यह यूनिक मॉडल विकसित हुआ है, वो पूरे देश को एक दिशा दे सकता है।
इस मॉडल के तहत स्वैपिंग स्टेशन और चार्जिंग स्टेशन को रखा गया साथ-साथ
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम लोगों ने इस तरह के पूरे दिल्ली में 100 लैंड पार्सल चिन्हित किए हैं। अलग-अलग लैंड पार्सल के ऊपर 100 ईवी स्टेशन बनाए जाएंगे। अलग-अलग एजेंसी से जमीन के पार्सल लिए गए हैं। इस मॉडल की खासियत यह भी है कि इसमें स्वैपिंग स्टेशन और चार्जिंग स्टेशन को साथ-साथ रखा गया है।
अभी तक स्वैपिंग स्टेशन और चार्जिंग स्टेशन अलग-अलग होते थे। मैं डीटीएल, डीडीसी, दिल्ली मेट्रो समेत उन सभी लोगों को बधाई देता हूं, जिन लोगों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह बहुत ही शानदार शुरूआत है। मुझे उम्मीद है कि बहुत जल्द ही दिल्ली में ईवी का बहुत बड़ा नेटवर्क तैयार हो जाएगा और वो दिन दूर नहीं है, जब दिल्ली को सिर्फ देश का ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का ईवी कैपिटल कहा जाएगा।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ आज दिल्ली में 11 ई-चार्जिंग स्टेशन की शुरूआत की। यह एक अद्भुत मॉडल पर आधारित हैं। यहां चार्जिंग कराने पर ई-वाहन चलाना बेहद सस्ता होगा। आज दिल्ली ने दुनिया को सबसे किफ़ायती मॉडल दिया। दो पहिया-7 पैसे प्रति किमी, तीन पहिया-8 पैसे प्रति किमी और कार-33 पैसे प्रति किमी।’’
डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘‘कौन कहता है कि इलेक्ट्रिक वाहन हवा में नहीं चल सकते? यूनिक पीपीपी मॉडल के तहत 7-8 पैसे प्रति किलोमीटर की बहुत कम ईवी चार्जिंग दरों के साथ ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए दिल्ली सरकार का धन्यवाद। दिल्लीवासियों के पास इस दिवाली पर इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की यह मुख्य वजह है। यह संभव करने के लिए डीडीसी दिल्ली की अहम भूमिका पर गर्व है।’’
इन साइट्स पर शुरू हुए चार्जिंग स्टेशन
सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज जिन ई-चार्जिंग स्टेशनों का उद्घाटन किया है, उनमें इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन पार्किंग, सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन पार्किंग, वसंत विहार मेट्रो स्टेशन, कैर डिपो, द्वारका मोर मेट्रो स्टेशन पार्किंग, शादीपुर डीटीसी डिपो, सरिता विहार मेट्रो स्टेशन पार्किंग, मोहन एस्टेट मेट्रो पार्किंग, हरकेश नगर ओखला मेट्रो स्टेशन पार्किंग, हौज खास मेट्रो स्टेशन पार्किंग, स्टार मॉल के पास पार्किंग एरिया शामिल हैं।
दिल्ली अपने परिवहन क्षेत्र को इलेक्ट्रिक में बदलने की ओर तेजी से अग्रसर
दिल्ली को भारत की ईवी राजधानी बनाने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने अगस्त 2020 में दिल्ली ईवी पॉलिसी को लॉन्च किया था। इसके तहत 2024 तक दिल्ली में कुल वाहनों की नई बिक्री का 25 प्रतिशत ईवी और सार्वजनिक परिवहन बेड़े में शामिल सभी नई बसों में से 50 प्रतिशत को इलेक्ट्रिक में बदलने का लक्ष्य रखा गया है।
पिछले दो वर्षों में दिल्ली सरकार ने ईवी को बढ़ावा देकर अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई है। दिल्ली अपने परिवहन क्षेत्र को तेजी से इलेक्ट्रिक में बदलने की ओर अग्रसर है। पिछले दो वर्षों में, दिल्ली देश का पहला राज्य है, जहां ईवी अपनाने की दर 2022 में औसतन 10 प्रतिशत रही है, जबकि मार्च 2022 में यह दर 12.5 प्रतिशत थी।
दिल्ली में शामिल सभी नई बसों में से लगभग 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक हैं और दिसंबर 2022 तक 1500 ई-बसें दिल्ली की सड़कों पर आने की उम्मीद है। वहीं, दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक चार्जिंग और स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए कई यूनिक पहल की है। इन चार्जिंग और स्वैपिंग स्टेशन की स्थापना के लिए दिल्ली सरकार ने बहुत ही सस्ती दरों पर भूमि दी है।
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