New delhi News: केंद्र सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर नई दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम बदलने का ऐलान किया है। इस चौक को अब बिरसा मुंडा चौक के नाम से जाना जाएगा। काले खां कौन थे, जिनके नाम पर कभी दिल्ली के व्यस्ततम इलाके में चौक होता था? उनके बारे में विस्तार से जानते हैं। काले खां शेरशाह सूरी के समय के एक सूफी संत माने जाते थे। उनकी राजधानी दिल्ली में मजार भी है। उन्हीं के नाम पर इस चौक का नाम रखा गया था। यह इलाका दक्षिण पूर्वी दिल्ली जिले में पड़ता है। औरंगजेब की जब हिंदुस्तान में हुकूमत थी तब भी एक काले खां हुए थे। उन्होंने औरंगजेब की सेना में सेनापति की भूमिका निभाई थी।
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सराय की बात करें तो इसे आराम करने की जगह कहा जाता है। आज से कई साल पहले तक भी सराय का प्रयोग राहगीर आराम करने के लिए करते थे। इनका अधिकतर निर्माण रास्तों के पास होता था। सराय में आराम करने के साथ ही अन्य प्रकार की सुविधाएं भी मिलती थीं। आराम करने के बाद यात्री फिर से गंतव्य के लिए रवाना होते थे। सराय काले खां की पहचान अब गांव के तौर पर भी है। जहां गुर्जर बिरादरी के लोग अधिक रहते हैं।
“Sarai Kale Khan Chowk will now be known as Birsa Munda Chowk”: Union Minister Manohar Lal Khattar
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— ANI Digital (@ani_digital) November 15, 2024
1481 में बनाया गया था गुंबद
नई दिल्ली का जो साउथ एक्सटेंशन इलाका है, वहां काले खां का एक गुंबद आज भी है। यह गुंबद ठीक साउथ एक्सटेंशन मार्केट के पीछे है। इसके करीब कोटला मुबारकपुर का इलाका भी आता है। इस गुंबद को 1481 में बनाया गया था। निर्माण का वर्ष गुंबद के ऊपर लिखा है। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ISBT बस स्टैंड के पास जो बड़ा चौक है, अब से उसे भगवान बिरसा मुंडा के नाम से जाना जाएगा। यहां पर न सिर्फ दिल्ली के नागरिक बल्कि पूरे देश के लोग उनकी प्रतिमा के दर्शन करेंगे। लोगों को भगवान बिरसा मुंडा के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए।
Delhi’s Sarai Kale Khan ISBT Chowk has been renamed as Birsa Munda Chowk. pic.twitter.com/1eukMwdgaU
— Ashish Kumar (@BaapofOption) November 15, 2024
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