Delhi News: आम आदमी पार्टी ने रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी की रैली में सफाई कर्मचारियों और शिक्षकों पर दबाव बना जुटाई गई भीड़ की सच्चाई पूरे देश के सामने रख दी। “आप” की वरिष्ठ नेता व दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी समेत अन्य नेताओं ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो साझा कर बताया कि कैसे पीएम मोदी की रैली में जब दिल्ली की जनता नहीं गई तो भीड़ दिखाने के लिए भाजपा की एमसीडी सरकार ने अपने कर्मचारियों को डरा-धमका कर जबरदस्ती बसों में भरकर भेजा। इन कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें रैली में भेजना गलत है। उन्हें ड्यूटी के बहाने बुलाया गया और जबरदस्ती रैली में भेज दिया गया। आतिशी ने कहा कि जिन सफाई कर्मचारियों की जिम्मेदारी शहर को साफ करने की है, उन्हें रैलियों में भेजकर भाजपा घटिया राजनीति कर रही है। अवकाश के दिन सफ़ाई कर्मचारियों को ड्यूटी के बहाने बुलाकर रैली में भेजना सरकार और सत्ता का दुरुपयोग है।
एक्स पर किया पोस्ट
आतिशी ने एक्स पर कहा कि रविवार की सुबह दिल्ली के हमारे गरीब दलित सफ़ाई कर्मचारियों को ड्यूटी के नाम पर बुलाया गया। अब उन्हें बसों में भरकर प्रधानमंत्री मोदी की रैली में ले जाया जा रहा है। भाजपा का असली चेहरा यही है। भाजपा की सरकार गरीब दलित सफाई कर्मचारियों से काम नहीं, राजनीति करवा रही है। ड्यूटी के नाम पर बुलाकर बसों में बैठाकर रैली में भेजा जा रहा है।
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सफाईकर्मियों के वीडियो शेयर किए
आतिशी ने सीमापुरी, जनकपुरी, लक्ष्मी नगर समेत तमाम जगह से सफाईकर्मियों के वीडियो शेयर करते हुए कहा कि भाजपा इन कर्मचारियों को छुट्टी के दिन बुलाया तो लेकिन सफ़ाई के लिए नहीं, बल्कि उन्हें भाजपा की रैली में ले जाने के लिए बुलाया। भाजपा ने सफाई कर्मचारियों को अपना “राजनीतिक कार्यकर्ता” बना दिया है। आतिशी ने भाजपा से सवाल किया कि भाजपा जवाब दे, रविवार को ड्यूटी के नाम पर बुलाए गए सफ़ाई कर्मचारियों को किस हक से रैली में भेजा गया? क्या एमसीडी का काम मोदी जी की रैली की भीड़ बढ़ाना है? बसें भरकर सफाई कर्मचारियों को पीएम की रैली में भेजा जा रहा है। ये कौन सा कानून है कि सरकारी कर्मचारियों को छुट्टी के दिन भाजपा अपनी रैली में बुला लेगी?
सरकारी कर्मचारियों से ‘भीड़’ का काम ले रही बीजेपी सरकार
आतिशी ने कहा कि भाजपा सरकार अब सरकारी कर्मचारियों से ‘भीड़’ का काम ले रही है। जिन्हें शहर साफ करने के लिए रखा गया, रैली में भीड़ बढ़ाने के लिए भेजा जा रहा है। ये है भाजपा की घटिया राजनीति। दलित सफ़ाई कर्मचारियों का अपमान भाजपा खुलेआम कर रही है। काम की आड़ में ज़बरदस्ती बुलाकर रैली में भेजना ग़ैरकानूनी और अमानवीय है। उन्होंने कहा कि एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। रविवार को सफ़ाई कर्मचारियों को ड्यूटी के नाम पर बुलाना और रैली में भेजना सीधा-सीधा सरकार और सत्ता का दुरुपयोग है। भाजपा ने दिल्ली वालों को भी धोखा दिया है।
उधर, जनकपुरी वार्ड नंबर 105 से एमसीडी पार्षद प्रवीण कुमार ने वीडियो साझा करते हुए कहा कि रविवार का दिन सफाई कर्मचारियों के आराम करने का दिन होता है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा जबरदस्ती इनको अपने साथ रैली में लेकर जा रहे हैं। इस से साफ पता चल रहा है कि चार इंजन के पास तो उनके कार्यकर्ता भी नहीं है।
भाजपा की रैली में लोग जाने को तैयार नहीं
दरियागंज वार्ड नंबर 142 से पार्षद और आम आदमी पार्टी की महिला विंग प्रदेश अध्यक्ष सारिका चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार में ऐसी स्थिति हो गई है कि सरकारी कर्मचारियों को रैली में बुलाया जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने कभी भी इनको इस तरह नहीं बुलाया। भाजपा की रैली में लोग जाने को तैयार नहीं हैं। इन्होंने जगह जगह झुग्गियों को तोड़ा है, इस वजह से लोग परेशान है। भाजपा भीड़ जुटाने के लिए एमसीडी के शिक्षकों, सफाईकर्मियों, आशा वर्कर्स को रैली में ले जा रही है।
युवा मोर्चा के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश कुमार क्या बोले?
आम आदमी पार्टी के युवा मोर्चा के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश कुमार ने एक्स पर कहा कि जितने भी दिल्ली के सरकारी कर्मचारी हैं उन पर आदेश थोप दिया गया है कि सबको रैली में आना है। ये वोट तो मशीनों से ले सकते हैं, लेकिन लोग कहां से लाएंगे? आज रविवार का दिन है, पूरे हफ्ता मेहनत करने के बाद कर्मचारी छुट्टी मनाते हैं। इसमें भी सबको रैली में भेज दिया। ये भाजपा की रैली है, न कि सरकारी रैली है। इसी तरह “आप” के कई नेताओं में अलग-अलग जगह की वीडियो साझा किया, जिसमें एमसीडी के कर्मचारियों को बसों में भर कर रैली में लेकर जाया गया।
ड्यूटी के बहाने बुलाया गया
वहीं, एमसीडी के कर्मचारियों ने ड्यूटी के नाम पर पीएम मोदी की रैली में जाने को गलत बताया है। कर्मचारियों का कहना है कि हफ्ते में एक दिन रविवार को छुट्टी मिलती है। इस दिन उनके अपने घर के तमाम काम होते हैं। थोड़ा समय बचाकर वह आराम करते हैं। लेकिन उन्हें रविवार को भी ड्यूटी के बहाने बुला लिया गया और जबरदस्ती पीएम मोदी की रैली में भेज दिया गया। एक कर्मचारी ने बताया कि उसकी गर्भवती पत्नी की डिलीवरी होनी है लेकिन उन्हें नौकरी से निकालने की धमकी देकर लाया गया है। बसों में डरा धमका कर बिठाया गया है, विरोध करने पर धमकी दी जा रही है। वहीं, एक महिला सफाईकर्मी ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन उसका व्रत था। वह देर रात अपना व्रत तोड़ी। उसने बताया कि रविवार को उनको काम पर बुलाया गया। छुट्टी के दिन हमारी हाजिरी भी नहीं लगाई जाएगी, लेकिन फिर भी हमें बुलाया गया है। हमें तो यह भी नहीं पता कि हम कहां जा रहे हैं।
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