Arvind Kejriwal in Supreme Court : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगी। यह मामला यूट्यूबर ध्रुव राठी के एक कथित अपमानजनक वीडियो से जुड़ा हुआ है जिसे केजरीवाल ने रीपोस्ट किया था। केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने यह वीडियो गलती से रीपोस्ट किया था। बता दें कि यह वीडियो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आईटी सेल के बारे में है।
#BREAKING: Delhi CM Arvind Kejriwal admits to retweeting defamatory video against BJP IT Cell in 2018, Supreme Court halts trial proceedings in defamation case over Dhruv Rathee’s video repost. pic.twitter.com/I7xAZVJ1Gs
---विज्ञापन---— Jist (@jist_news) February 26, 2024
इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को क्रिमिनल डिफेमेशन केस में आरोपी के तौर पर जारी किए दए समन को वैध करार दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि क्या वह मुख्यमंत्री की माफी को ध्यान में रखते हुए मामले को रफा-दफा करना चाहते हैं।
I Made a mistake by retweeting a defamatory video of YouTuber Dhruv Rathee, against BJP IT Cell in 2018. ~ Delhi CM Arvind Kejriwal in Supreme Court. pic.twitter.com/MdepmFKF9B
— 🇮🇳 cjI (Citizen Journalist India) (@CJ_India) February 26, 2024
ट्रायल कोर्ट को दिया ये निर्देश
पीठ ने ट्रायल कोर्ट से यह भी कहा है कि 11 मार्च तक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानी के मामले में सुनवाई न करें। केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक संघवी ने कहा कि केजरीवाल ने वीडियो को रीपोस्ट करके गलती की थी। बता दें कि 5 फरवरी के अपने आदेश में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि कथित अपमानजनक कंटेंट को रीपोस्ट करने पर मानहानि कानून लागू होता है।
Supreme Court adjourns the hearing of a plea filed by Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal against Delhi High Court order refusing to quash the defamation case against him for tweeting a video of YouTuber Dhruv Rathee in 2018 making certain allegations related to BJP IT Cell.
— Moid Malik (@MoidMalik10) February 26, 2024
क्या है शिकायतकर्ता का दावा
केजरीवाल ने हाईकोर्ट में कहा था कि ट्रायल कोर्ट इस बात को स्वीकार नहीं कर रही है कि यह ट्वीट शिकायतकर्ता विकास सांकृत्यायन को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया गया था। ट्रायल कोर्ट समनन जारी करने के पीछे का कारण भी स्पष्ट नहीं कर पाई है। बता दें कि सांकृत्यायन ने दावा किया है कि बीजेपी आईटी सेल पार्ट 2 नाम का वीडियो ध्रुव राठी ने सर्कुलेट किया था, जिसमें कई गलत आरोप लगाए गए हैं।
केजरीवाल ने यह वीडियो साल 2018 में रीपोस्ट किया था।
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