Delhi Liquor Case : दिल्ली शराब घोटाले मामले में तीन दिन की रिमांड खत्म होने के बाद सीबीआई ने शनिवार को सीएम अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। इस दौरान जांच एजेंसी ने मुख्यमंत्री की कस्टडी की मांग नहीं की। उन्होंने केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजने की दलील दी। इस पर सीएम के वकील ने कहा कि वे न्यायिक हिरासत के खिलाफ याचिका दाखिल करेंगे। अदालत ने इसकी मंजूरी दे दी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने सीएम अरविंद केजरीवाल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आइए जानते हैं कि वकीलों ने क्या दलीलें दीं?
सीएम अरविंद केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने अदालत में कहा कि अगस्त 2022 से यह जांच चल रही है। उनके मुवक्किल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उन्हें 10 मई को सुप्रीम कोर्ट से तीन हफ्ते की जमानत मिली थी। एजेंसी ने जनवरी में सीएम के खिलाफ कुछ सबूत इकट्ठे किए थे और उन्हें अप्रैल में PC एक्ट के तहत मंजूरी मिली थी।
यह भी पढ़ें : Arvind Kejriwal: CBI की दलीलों से लेकर सीएम केजरीवाल की सफाई तक, 10 Points में पढ़ें सुनवाई पर अपडेट
ज्यूडिशियल कस्टडी की अर्जी नहीं हो सकती है रिजेक्ट : अदालत
इस पर अदालत ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं हैं कि जांच अधिकारी की ज्यूडिशियल कस्टडी के एप्लीकेशन को रिजेक्ट किया जा सके। इस पर केजरीवाल के वकील ने कोर्ट से दो महत्वपूर्ण बातों पर प्रकाश डालने की इजाजत मांगी। जज ने पूछा- पहली दो प्रार्थनाएं (प्रेयर्स) क्या हैं? वकील ने कहा कि केस डायरी सहित सभी मैटेरियल को तुरंत रिकॉर्ड पर लाने के लिए सीबीआई से आग्रह करें। जज ने कहा- इस पर अदालत विचार करेगा।
सीबीआई के बयान को रिकॉर्ड में रखे अदालत : सीएम के वकील
केजरीवाल के वकील ने कहा कि सीबीआई ने कोर्ट को जो कहा है, उसे रिकॉर्ड पर लेना चाहिए। इसे दर्ज किया जाना चाहिए, ताकि भविष्य की सुनवाई में सीबीआई पर नजर रखी जा सके। इस पर अदालत ने कहा कि एजेंसी की कस्टडी पूरी होने के बाद कोर्ट के पास न्यायिक हिरासत में भेजने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है, लेकिन आरोपी जमानत के लिए याचिका दाखिल कर सकता है।
#WATCH | Delhi CM Arvind Kejriwal’s wife Sunita Kejriwal arrives at Rouse Avenue Court.
Delhi CM and AAP National Convenor Arvind Kejriwal is being produced here by CBI for a hearing in the liquor policy case. pic.twitter.com/KRTflSWL1u
— ANI (@ANI) June 29, 2024
केस डायरी के प्रमुख पन्नों को चिह्नित करे CBI : कोर्ट
वकील ने दलील रखी कि सीबीआई ने पहले उनके मुवक्किल को इसलिए गिरफ्तार नहीं किया, क्योंकि ये सुप्रीम कोर्ट नहीं जाना चाहते थे, जिससे उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई। केजरीवाल के वकील ने कोर्ट से पूछा कि क्या केजरीवाल अपने परिवार से 10 मिनट के लिए मिल सकते हैं, जब वह कोर्ट में हों। इस दौरान सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने केजरीवाल के वकील की दलीलों का विरोध किया। कोर्ट ने कहा कि एजेंसी कृपया केस डायरी के प्रमुख पन्नों को चिह्नित करें।
न्यायिक हिरासत के खिलाफ अर्जी दाखिल करने की मांग
सीएम के वकील ने कहा कि वे न्यायिक हिरासत के खिलाफ अर्जी दाखिल करेंगे, लेकिन इसके लिए थोड़ा समय चाहिए। जज ने पूछा कि ये अर्जी क्यों दाखिल करना चाहते हैं। अगर जमानत याचिका दाखिल करनी है तो संबंधित अदालत में दायर करें। हालांकि, कोर्ट ने अर्जी दाखिल करने की इजाजत दे दी।
अदालत ने बताया- कैसे मिलेगा जमानत मांगने का आधार
जज ने कहा कि कोर्ट के पास सीआरपीसी के अनुसार आरोपी को न्यायिक हिरासत के पास भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है। वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में एक दूसरे आरोपी ने जमानत याचिका दायर की है, तब सीबीआई ने कहा कि वो 3 जुलाई तक जांच पूरी कर लेंगे। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई एक निश्चित तारीख तक जांच पूरी करने के बारे में जो भी बयान दिया है, अगर वो उनका पालन न कर पाए तो इससे आपको जमानत मांगने का आधार मिल जाएगा। आप यह नहीं कह सकते कि न्यायिक हिरासत नहीं दिया जा सकता।
यह भी पढ़ें : कोर्ट में सिसोदिया को लेकर क्यों भिड़े केजरीवाल? CM ने एजेंसी के दावों का किया खंडन
केजरीवाल की 2 मांगों को मिली मंजूरी
केजरीवाल के वकील ने कोर्ट को 2 आवेदन दिए। पहला- जब तक जज ऑर्डर लिखें तब तक 10 से 15 मिनट तक केजरीवाल को परिवार से मिलने की इजाजत दी जाए। दूसरा- ईडी के केस में गिरफ्तारी के बाद जब केजरीवाल को JC भेजा गया था, तब मेडिकल ग्राउंड पर जो छूट थी वो जारी रखी जाए। अदालत ने उनकी दोनों मांगें मान लीं।