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‘आप’ सांसद राघव चड्ढा की राज्यसभा के शीतकालीन सत्र में रही 100 फी‌सदी उपस्थिति, जारी किया रिपोर्ट कार्ड

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने एक बार फिर खुद को साबित किया है। राजनीति को आधुनिक बनाने और इसे अधिक जवाबदेह बनाने के लिए जाने जाने वाले पंजाब के युवा सांसद राघव चड्ढा की शीतकालीन सत्र में 100 फीसदी उपस्थिति रही है। इसके बाद उन्होंने जनता के लिए एक ‘रिपोर्ट […]

Edited By : Siddharth Sharma | Updated: Dec 31, 2022 11:29
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Raghav Chadha
Raghav Chadha

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने एक बार फिर खुद को साबित किया है। राजनीति को आधुनिक बनाने और इसे अधिक जवाबदेह बनाने के लिए जाने जाने वाले पंजाब के युवा सांसद राघव चड्ढा की शीतकालीन सत्र में 100 फीसदी उपस्थिति रही है। इसके बाद उन्होंने जनता के लिए एक ‘रिपोर्ट कार्ड’ जारी किया है।

सात पेज का रिपोर्ट कार्ड उनके विधायी प्रदर्शन को दर्शाता है। इसके अलावा पंजाब और भारत से संबंधित मामलों पर उठाए गए सवालों, मुद्दों, बहस और नियम 267 के तहत प्रस्तुत नोटिसों को सूचीबद्ध करता है।

राज्यसभा में 7 दिसंबर से 23 दिसंबर तक चले शीतकालीन सत्र के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर कुल 25 सवाल पूछे, जिनमें से अधिकांश पंजाब से संबंधित थे। इसमें श्री करतारपुर साहिब के तीर्थयात्रियों के लिए फीस की माफी, बेअदबी के लिए कड़ी सजा, आनंदपुर साहिब को हेरिटेज सिटी का दर्जा, रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण, जालंधर में चमड़ा निर्माण उद्योग को बढ़ावा, उड़ान योजना, पुलिस आधुनिकीकरण, पीएमजीएसवाई, साई केंद्रों में वृद्धि आदि सवाल शामिल रहे।

इसके अलावा किसानों के हितों का समर्थन करते हुए पराली जलाने के विकल्पों को बढ़ावा देने, बाजार मूल्य और एमएसपी के बीच अंतर, पंजाब में भूजल स्तर, डीएपी की कमी, किसानों की आय को दोगुना करने और अन्य कृषि मुद्दों पर सरकार से सवाल किए।वह बेअदबी के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग को लेकर गांधी प्रतिमा के सामने धरने पर भी बैठे।

राघव चड्ढा ने इस सत्र में अपना पहला भाषण देते हुए अनुदानों की अनुपूरक मांग और बजट पर चर्चा दो बार कराने का प्रस्ताव रखा, जो कि अच्छे शोध और मजाकिया अंदाज के लिए सुर्खियों में रहा। वित्त मंत्री से उनके 10 बड़े सवाल सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।

उन्होंने जो 10 बड़े सवाल पूछे उनमें कमजोर रुपये, सरकार की रोजगार प्रदान करने में असमर्थता, कर का बोझ, स्टार्ट-अप ‘मंदी’, गिरते निर्यात और निवेश करने में निजी क्षेत्र की अनिच्छा पर आधारित थे। उन्होंने वित्त मंत्री से यह भी पूछा कि क्या उन्हें अन्य आवश्यक वस्तुओं के साथ एक किलो गेहूं और चावल की कीमत पता है?

सासंद चड्ढा ने बढ़ती महंगाई, स्टील की कीमतों में बढ़ोतरी, सीमा पार से नकली नोटों की तस्करी, पूर्व सैनिकों को पेंशन, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की विकास दर, आवश्यक खाद्य पदार्थों का आयात, इंटरनेट बंदी, रिक्तियों और अर्ध-न्यायिक निकायों में लंबित मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर भी सवाल पूछे।

उन्होंने न्यायाधीशों की नियुक्ति को नियंत्रित करने के लिए एक निजी सदस्य के राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग पर विधेयक के खिलाफ कड़ी आपत्ति जताते हुए न्यायपालिका की स्वतंत्रता का पक्ष लिया।

इसके अलावा उन्होंने प्रमुख बहसों में भी भाग लिया। विदेशों से संचालित गैंगस्टरों की वापसी, एम्स डेटा हैकिंग, उत्तेजक समाचार बहस आदि पर बात की और राज्य सभा की कार्यवाही को विनियमित करने के लिए कई ‘व्यवस्था के बिंदु’ पेश किए।

राज्यसभा के नियम 267 (व्यवसाय का निलंबन) के तहत कई नोटिस जारी करते हुए उन्होंने सदन से चीन में बढ़ते कोविड मामलों और भारत पर प्रभाव, केंद्र सरकार द्वारा न्यायिक नियुक्तियों में हस्तक्षेप करने के प्रयास, एलएसी पर भारत-चीन संघर्ष सहित सार्वजनिक महत्व के तत्काल मुद्दों को उठाने देने की मांग की।

वहीं, पंजाब के अन्य प्रमुख राज्य सभा सांसदों की तुलना में यह सामने आया कि अन्य सांसद संबंधित प्रदर्शन के मामले में राघव चड्ढा से पीछे थे। राघव चड्ढा की 100 फीसदी उपस्थिति की तुलना में सांसद सुखबीर बादल, सनी देओल और सिमरनजीत मान ने क्रमश 18 फीसदी, 0 फीसदी और 45 फीसदी उपस्थिति दर्ज की गई। इसी तरह, आप सांसद की 11 बहसों के खिलाफ उपरोक्त तीन सांसदों ने क्रमशः 0, 0 और 3 बहस में भाग लिया। सबसे अहम बात यह रही कि राघव चड्ढा द्वारा पूछे गए 25 सवालों की तुलना में पूरे शीतकालीन सत्र के दौरान तीन सांसदों में से किसी ने एक भी सवाल नहीं पूछा।

First published on: Dec 31, 2022 11:29 AM

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