Tomato Price, नई दिल्ली: पिछले कुछ वक्त से देश में टमाटर की कीमतों ने रसोई में टेस्ट का अकाल घोषित कर रखा है। इसी बीच एक राहतभरी खबर है। गुरुवार को उत्तर प्रदेश (UP) में टमाटर बेहद सस्ते भाव में बिकता देखा जा सकेगा। महंगाई पर लगाम लगने की वजह टमाटर का आयात है। पता चला है कि बुधवार को देश में पड़ोसी देश नेपाल से टमाटर की बड़ी खेप आ रही है।
गौरतलब है कि इस बार सावन झूमकर बरसा और इतना बरसा कि इसके चलते देश में बहुत सी जगह टमाटर की फसल खराब हो गई। पैदावार कम होने की वजह से कीमतों में उछाल आना स्वाभाविक सी बात है। नतीजा यह रहा कि राजधानी दिल्ली और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले देश के दो बड़े राज्यों हरियाणा व पंजाब को जोड़ते चंडीगढ़ में भी टमाटर 300 रुपए किलो तक बिक गया। एक बार थोड़ा सा नरम पड़ने के बाद दोबारा फिर टमाटर की कीमतों में भारी उछाल आया और फिर 250 रुपए किलो या इससे अधिक के भाव में टमाटर बिका।
दूसरी ओर भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF) लिमिटेड नामक संस्था उपभोक्ताओं को उच्च कीमतों से राहत देने की दिशा में काम कर रही है। इस संस्था की तरफ से न सिर्फ टमाटर आयात किया जा रहा है, बल्कि घरेलू खरीद भी की जा रही है। इसी बीच पता चला है कि भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF) ने नेपाल के साथ 10 टन टमाटर के आयात का अनुबंध किया है।
इस बारे में जानकारी सांझा करते हुए संघ की प्रबंध निदेशक एनिस जोसेफ चंद्रा ने मीडिया को बताया कि उन्होंने नेपाल के साथ 10 टन टमाटर आयात के लिए अनुबंध किया है। टमाटर की खुदरा बिक्री में हस्तक्षेप केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के निर्देश पर किया जा रहा है। इसके तहत इसमें से 3-4 टन बीते दिन उत्तर प्रदेश में वितरित किया गया, वहीं लगभग 5 टन टमाटर रास्ते में है। बुधवार को टमाटर की यह खेप यहां पहुंच जाएगी और गुरुवार को उत्तर प्रदेश में इसे 50 रुपए किलो की रियायती दरों पर बेचा जाएगा।
देश के दूसरे हिस्सों में आयातित टमाटर की बिक्री के संबंध में सवाल किए जाने पर एनिस जोसेफ चंद्रा ने बताया कि आया किए गए टमाटर की शेल्फ लाइफ कम है, जिसकी वजह से ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आयातित और स्थानीय रूप से खरीदे गए टमाटर दोनों को चुनिंदा स्थानों पर स्थिर दुकानों के साथ-साथ मोबाइल वैन के माध्यम से बेचा जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान में देश के प्रमुख उत्पादक राज्यों से खरीदे गए टमाटर भी 50 रुपए प्रति किलो बेचे जा रहे हैं।
इसी के साथ जोसेफ चंद्रा ने बताया कि कुछ राज्यों की मंडियों में घरेलू आवक शुरू हो जाने के चलते राहत के आसार है और इसी के चलते नेपाल से आयात क्रमिक तरीके से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में टमाटर की नई फसल की आवक थोक मंडियों में शुरू हो गई है और कीमतें अब धीरे-धीरे कम हो रही हैं।
दूसरी ओर सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो इस दावे में बहुत हद तक सच्चाई भी नजर आ रही है। महीने पहले 97.56 रुपए प्रति किलोग्राम चल रहा टमाटर का अखिल भारतीय औसत थोक मूल्य 15 अगस्त को घटकर 88.22 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया है। इसी तरह महीने पहले 118.7 रुपए रहा अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य भी घटकर 107.87 रुपए प्रति किलोग्राम रह गया है।