सौरव कुमार, पटना: बिहार पुलिस की कार्यशैली से कोर्ट खासा नाराज हो गया। इस नाराजगी का असर यह रहा कि गुरुवार को हत्या के एक 34 साल पुराने मामले में आरोपियों के गिरफ्तारी न होने से खफा रोहतास की एक कोर्ट ने जिले के प्रभारी एसपी को हिरासत में ले लिया। करीब पांच घंटे तक एसपी को न्यायिक हिरासत में रखने के बाद छोड़ा गया। 34 साल पुराने मामले में आरोपी को गिरफ्तार नहीं करने और कोर्ट द्वारा जारी कुर्की जब्ती का तामिला प्रतिवेदन अदालत में पेश नहीं करने पर कोर्ट ने यह कार्रवाई की।
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ये था मामला
दरअसल, साल 1979 में रोहतास के नासरीगंज स्थित अतमीगंज गांव में रामानुज सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में 6 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। मामले की सुनवाई के दौरान 6 में से 4 आरोपियों की मौत हो गई। बाकी बचे दो आरोपियों के कोर्ट में उपस्थित नहीं होने के कारण मामला लंबे समय से कोर्ट में लंबित है।
मामले की निगरानी कर रहे पटना हाई कोर्ट ने रोहतास सिविल कोर्ट को तीन महीने के भीतर केस का निष्पादन करने का आदेश दिया है। कोर्ट में एसपी आशिष भारती को उपस्थित होना था लेकिन उनके छुट्टी पर रहने के कारण प्रभारी एसपी सह मुख्यालय डीएसपी सरोज कुमार साह कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए थे। करीब पांच घंटे न्यायिक हिरासत में रखने के बाद कोर्ट ने उन्हें जाने का आदेश दिया। अदालत ने 24 अक्टूबर को हर हाल में एसपी को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया है। कोर्ट के मुताबिक हाई कोर्ट के आदेश पर मामले को तीन माह की भीतर निष्पादित किया जाना है।
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