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कड़वे काढ़े से अब नहीं लगेगा डर, इस बाल वैज्ञानिक ने घोली मिठास; जाएगा विज्ञान के देश जापान

रायपुर: सकुरा साइंस एक्सचेंज प्रोग्राम में रायपुर के एक नौवीं कक्षा के छात्र का चयन हुआ है। छात्र का नाम अदित है जो डीडी नगर का रहने वाला है। अदित ने कुदरती मीठी पत्ती स्टीविया की पत्ती से गिलास बनाया है। इस स्कीम के तहत देश भर के 60 चिल्ड्रन साइंटिस्ट का सलेक्शन हुआ है। […]

Edited By : Shailendra Pandey | Updated: Sep 9, 2023 17:02
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रायपुर: सकुरा साइंस एक्सचेंज प्रोग्राम में रायपुर के एक नौवीं कक्षा के छात्र का चयन हुआ है। छात्र का नाम अदित है जो डीडी नगर का रहने वाला है। अदित ने कुदरती मीठी पत्ती स्टीविया की पत्ती से गिलास बनाया है। इस स्कीम के तहत देश भर के 60 चिल्ड्रन साइंटिस्ट का सलेक्शन हुआ है। वे नवंबर में जापान जाएंगे।

अदित ने अपने रिसर्च प्रोडक्ट को विज्ञान भवन, राष्ट्रपति भवन और प्रगति मैदान में एग्जीबिट किया है। बातचीत के दौरान अदित ने बताया कि साइंस और टेक्नोलॉजी में शुरू से ही मेरी रुचि रही है। मेरी रुचि को देखते हुए हमेशा मेरे माता-पिता और अध्यापकों का सपोर्ट मिलता रहा है। अदित के आने-जाने और ठहरने का पूरा खर्चा सरकार वहन करेगी। अदित के माता-पिता मंजू सिंह और दीपेंद्र सिंह दोनों रविवि में एसोसिएट प्रोफेसर हैं।

मिठास ऐसी कि बच्चे भी पी लेंगे

अदित ने बताया, कोरोना के समय काढ़े की डिमांड बढ़ गई थी। लेकिन बच्चों को काढ़े का कड़वापन नहीं पसंद आता है। तब मैंने इस पर काम करना शुरू किया। कागज के गिलास में स्टीविया पाउडर के घोल की परत लगाई है। एक निश्चित तापमान में गर्म काढ़े को डालते ही यह घुलने लगेगा और जिससे काढ़े में मिठास आ जाएगी। इसकी लागत 12 से 15 रुपए है लेकिन बल्क में बनाने पर 4 से 5 रुपए हो सकती है। गिलास को कार्टून से कवर किया है जिससे पकड़ने में गर्म न लगे।

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एशिया स्तर पर आयोजित सेमिनार में लेंगे हिस्सा

विज्ञान में जापान-एशिया युवा परिवर्तन कार्यक्रम जापान और अन्य एशियाई देशों के बीच एक सहयोगी प्रयास है। यह प्रोग्राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है। जापान में यह बच्चे एशिया स्तर पर आयोजित सेमिनार में हिस्सा लेंगे। इसमें विभिन्न देशों से आए छात्र अपने ज्ञान का आदान-प्रदान करेंगे। जिससे इन बच्चों को दूसरे देशों में हो रहे अनुसंधान आदि की जानकारी मिल सकेगी। इस सेमिनार के समापन के बाद जापान के विभिन्न शहरों में बच्चों का भ्रमण कराया जाएगा।

First published on: Sep 09, 2023 05:02 PM

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