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छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र से बायोमेट्रिक लागू न करने का किया अनुरोध, किसानों को होने वाली परेशानी से कराया अवगत

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश की विषम भौगोलिक स्थिति के चलते सुदूर एवं दुर्गम अंचलों के किसानों को बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू होने से धान बेचने में होने वाली समस्याओं को देखते हुए केन्द्र सरकार से बायोमेट्रिक सिस्टम को इस वर्ष लागू न किए जाने का अनुरोध किया है। केन्द्र सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 […]

Edited By : Shailendra Pandey | Updated: Sep 11, 2023 09:51
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रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश की विषम भौगोलिक स्थिति के चलते सुदूर एवं दुर्गम अंचलों के किसानों को बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू होने से धान बेचने में होने वाली समस्याओं को देखते हुए केन्द्र सरकार से बायोमेट्रिक सिस्टम को इस वर्ष लागू न किए जाने का अनुरोध किया है। केन्द्र सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 से खाद्यान्न उपार्जन में बायोमेट्रिक सिस्टम को अनिवार्य कर दिया है। इस सिस्टम को प्रदेश के वनांचल और पहाड़ी क्षेत्रों में सुव्यवस्थित रूप से लागू करने में होने वाली दिक्कत के चलते किसानों को समर्थन मूल्य पर धान और मक्का बेचने में परेशानी होगी।

इंटरनेट कनेक्टिविटी की असुविधा के चलते होगी समस्या

छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने भारत सरकार के खाद्य सचिव को चिट्ठी लिखकर छत्तीसगढ़ प्रदेश में बायोमेट्रिक आधारित खरीफ प्रणाली को लागू करने के कारण किसानों को होने वाली समस्याओं का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा है कि राज्य के बस्तर एवं सरगुजा क्षेत्र के दूरस्थ एवं पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण इस इलाके के कई जगहों पर इंटरनेट कनेक्टिविटी की असुविधा के चलते बायोमेट्रिक आधारित खाद्यान्न उपार्जन प्रणाली को लागू करने में दिक्कत होगी।

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बायोमेट्रिक खरीदी सिस्टम को अनिवार्य न करने का किया अनुरोध

खाद्य सचिव वर्मा ने अपने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि प्रदेश में धान खरीदी के पूर्व किसानों का पंजीयन किया जाता है। पंजीयन में किसान का आधार नंबर भी होता है। किसानों की भूमि के रकबे का सत्यापन भी ‘भुईयां’ सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाता है। धान खरीदी के एवज में राशि का ऑनलाइन भुगतान किसानों के बैंक खातों में होता है। राज्य में धान खरीदी की व्यवस्था पूरी तरह से पारदर्शी और देश में सर्वश्रेष्ठ है। उन्होंने भारत सरकार को खाद्य सचिव से राज्य की उक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बायोमेट्रिक खरीदी सिस्टम को अनिवार्य न करने का अनुरोध किया है।

21 जुलाई 2023 को भेजा गया था पत्र

खाद्य सचिव द्वारा 21 जुलाई 2023 को उक्त संबंध में भेजे गए पत्र के संबंध में केन्द्र सरकार से अब तक न तो सहमति मिली है न ही बायोमेट्रिक आधारित खरीदी सिस्टम में रियायत दिए जाने का भरोसा दिया गया है। धान खरीदने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा बायोमेट्रिक सिस्टम की अनिवार्यता का अन्य कोई विकल्प नहीं होने के कारण छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में इस प्रणाली को लागू किए जाने की प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं और इस संबंध में सभी कलेक्टरों को विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।

First published on: Sep 11, 2023 09:51 AM

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