बिलासपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशों के अनुरूप आज से स्थानीय गोठानों में निर्मित गोबर पेंट से सरकारी भवनों की पुताई का काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कलेक्टर सौरभ कुमार के मार्गदर्शन में गोबर से पेंट बनाने का काम जोरशोर से शुरू किया गया। पहले ही दिन आज 3 शासकीय स्कूल भवनों की पुताई गोबर पेंट से की जा चुकी है। इसके अलावा 6 स्कूलों में यह कार्य अभी चल रहा है।
रासायनिक पेंट कम है इसका दाम
इस पेंट की कीमत बाजार में उपलब्ध रासायनिक पेंट से कम है, साथ ही गोबर से निर्मित होने के कारण रासायनिक पेंट की तुलना में इसमें महक भी नहीं आती है। गांवो के गोठानों में संचालित रीपा में महिला समूहों द्वारा तैयार किया गया गोबर पेंट मल्टी नेशनल कंपनियों को टक्कर दे रहा है। पेंट निर्माण में अमूूमन मल्टी नेशनल कंपनियां ही काबिज थी लेकिन अब ग्रामीण महिलाएं भी इसमें मजबूती से कदम रख चुकी हैं। जिले में संचालित तीन रीपा गोठानों में समूह की महिलाओं द्वारा अब तक लगभग 1100 लीटर पेंट तैयार कर लिया गया है। गोबर पेंट से न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है अपितु यह पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी फायदेमंद है।
इसकी गुणवत्ता उच्च स्तरीय है
नोडल अधिकारी डॉ रघुवंशी ने बताया कि जिले में चार गोठानों में संचालित रीपा में गोबर पेंट यूनिट स्थापित किया गया है। बिल्हा ब्लॉक के सेलर में नारीशक्ति समूह, कोटा ब्लॉक के रानीगांव में जागृति महिला समूह, शहरी गोठान मोपका में गोवर्धन महिला समूह द्वारा गोबर से पेंट बनाया जा रहा है। मस्तूरी ब्लॉक के गतौरा में पाठबाबा महिला समूह द्वारा भी जल्द ही गोबर से पेंट बनाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। गोबर से बनने वाला प्राकृतिक पेंट बिल्कुल मल्टीनेशनल कंपनी द्वारा तैयार किए गए पेंट जैसा है। इसकी गुणवत्ता उच्च स्तरीय है। मल्टीनेशनल कंपनी की पेंट की तुलना में यह 40 फीसदी सस्ता होने के साथ ही यह पर्यावरण के अनुकूल है। इमल्शन पेंट की कीमत प्रति लीटर 265 रूपये है और यह 1, 2, 5, 10 और 20 लीटर के पैकेज में तैयार किया जा रहा है। इसी प्रकार डिस्टेम्पर प्रति लीटर 142 रूपए है और यह भी 1, 2, 5, 10 और 20 लीटर के पैकेज में तैयार किया जा रहा है।