रायपुर: राजधानी रायपुर में एक दिवसीय आखर छत्तीसगढ़ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रभा खैतान फाउंडेशन द्वारा इसका आयोजन किया गया। कार्यक्रम आखर छत्तीसगढ़ का उद्देश्य छत्तीसगढ़ प्रदेश के राजभाषा छत्तीसगढ़ी और अन्य आंचलिक बोली (जैसे- सरगुजिहा, हल्बी, गोंडी, कुडुक, सदरी इत्यादि) के साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन पर वैचारिक परिचर्चा आयोजित करना है।
आयोजन में सरगुजा से लेकर बस्तर की बोली-भाषा के साथ ही छत्तीसगढ़ी कविता-कहानी, युवा लेखन और सोशल मीडिया पर केंद्रित 7 पैनल डिस्कशन हुए, जिसमें 30 से अधिक साहित्यकार और 10 से अधिक छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कलाकारों ने शिरकत की। कार्यक्रम के अलग-अलग सत्र में छत्तीसगढ़ के साहित्य, कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन पर चर्चा की गयी।
कार्यक्रम में युवा लेखकों एवं डिजिटल माध्यम पर छत्तीसगढ़ के साहित्य, संस्कृति, परंपरा और सभ्यता को बढ़ावा देने निरंतर प्रयास कर रहे डिजिटल क्रिएटर्स हेतु विशेष सत्र का आयोजन किया गया। आयोजन में रामनामी समुदाय द्वारा राम भजन की प्रस्तुति दी गयी। राज्य के मान्य कलाकारों ने पाम्परिक वाद्ययंत्र एवं गीत मोहारी बाजा तथा बांस गीत की प्रस्तुति दी।