BJP-JJP Alliance: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बीजेपी और जेजेपी के अलग होने का दावा करने वाली मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया। चौटाला ने शुक्रवार को दावा किया कि भाजपा-जजपा गठबंधन बरकरार है और गठबंधन राज्य में सुचारू रूप से सरकार चल रही है।
चंडीगढ़ में जिला जनसंपर्क एवं शिकायत समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए चौटाला ने कहा कि वह पिछले तीन साल से मीडिया में भाजपा और जजपा के अलग होने की खबरें सुन रहे हैं, लेकिन गठबंधन मजबूत है और इसमें कोई दरार नहीं है।
कड़वाहट आई तो खुशी-खुशी अलग होंगे
राज्य में स्थिर सरकार चलाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में दोनों दलों के बीच गठबंधन किया गया था। गठबंधन करने के पीछे कोई मजबूरी और कोई निजी स्वार्थ नहीं था। दोनों पार्टियां गठबंधन में अगला विधानसभा और संसदीय चुनाव लड़ने को तैयार हैं और अगर किसी ने अपना मन बदल लिया है तो हम कुछ नहीं कर सकते। अगर दोनों पक्षों के बीच कोई कड़वाहट उभरती है, तो हम खुशी-खुशी अलग हो जाएंगे।
#WATCH | Haryana deputy chief minister Dushyant Chautala speaks on the BJP-JJP alliance, says, "The alliance between both parties (BJP-JJP) was forged under the leadership of Union home minister Amit Shah to run a stable govt in the state. There was no compulsion in forging an… pic.twitter.com/romt9SQC4X
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) June 10, 2023
क्यों तनाव की बात आई सामने
बीजेपी और जेजेपी के बीच तनाव की बात उस सामने आई जब भाजपा के हरियाणा प्रभारी बिप्लब कुमार देब ने इस हफ्ते दावा किया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेम लता अगला विधानसभा चुनाव उचाना से जीतेंगी, इस सीट पर वर्तमान में दुष्यंत का वर्चस्व है। बाद में दुष्यंत ने यह कहते हुए जवाब दिया कि वह ‘पेट दर्द’ वाले लोगों के लिए दवा नहीं हो सकते। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उचाना उनकी ‘कर्मभूमि’ (कार्यस्थल) है और वह अगले चुनाव का जवाब वहीं से देंगे।
पहलवानों के विरोध पर बोलने से किया इंकार
उपमुख्यमंत्री ने बैठक में 12 शिकायतों का समाधान किया। उन्होंने पहलवानों के विरोध पर टिप्पणी करने से दूरी बना ली। इससे पहले दिन में दुष्यंत ने झज्जर का दौरा किया और पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी हर लोकसभा में अपना जनाधार मजबूत कर रही है और वे जुलाई के पहले सप्ताह से प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में रैली करेंगे।
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