Sushil Modi: पटना के राजनीतिक गलियारों में इन दिनों कई सियासी बयान चर्चा का विषय बने हुए है। नीतीश कुमार की जेडीयू में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। उपेंद्र कुशवाहा ने अपने बयानों से पहले ही सर्दी के इस मौसम में सियासी गर्मी पैदा कर रखी है। और अब रही सही कसर पूरी कर दी सुशील कुमार मोदी ने।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी हो सकती है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा। (Sushil Modi) हालांकि 3 दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल कह चुके है कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे बंद हैं। वे अब अप्रासंगिक हो चुके हैं।
सुशील मोदी के दावे में कितना दम
बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार किसी अबूझ पहेली से कम नहीं है। वे अपने बयानों से सबको चुकाते रहे हैं। कभी वे महागठबंधन के साथ सत्ता की साझेदारी कर लेते है तो कभी वे बीजेपी के साथ चले जाते हैं। अब तक नीतीश कुमार तीन बार बीजेपी के साथ आकर वापस जा चुके हैं। सुशील मोदी अगर कोई दावा करते हैं तो वह हवा-हवाई नहीं हो सकता है। इसके पीछे जरूर कोई मायने होगे। सबसे पहले जानिए उन्होंने मीडिया से क्या कहा।
Nitish और Tejashwi में डील पर हो गया खुलासा, Sushil Modi ने खोला राज | B… https://t.co/EtD9c5XHPA via @YouTube
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बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि लेने नहीं लेने का कोई सवाल नहीं है। (Sushil Modi) लेकिन इसके लिए मैं सक्षम नहीं हूं। राज्य इकाई किसी बड़े नेता को पार्टी में शामिल कराने के लिए सक्षम नहीं है। इसका फैसला केंद्रीय नेतृत्व लेता है। कौन आएगा, कौन नहीं आएगा, इस राजनीति को कोई नहीं जानता। यही नीतीश कुमार 3 बार हमारे साथ आए और तीन बार जा चुके। यही लालू प्रसाद यादव 1990 में हमारा समर्थन लेने आए थे। आज भी चाहे टीएमसी, टीडीपी हो या शायद ही कोई क्षेत्रीय दल हो जिसने कभी न कभी भाजपा की मदद न ली हो और सरकार न बनाई हो। यही लोग जब चले जाते हैं तो फिर हमें गाली देते हैं।
उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से भी हटना पड़ेगा
उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कहा कि उनके सवालों के जवाब तो नीतीश कुमार को देना चाहिए। सुशील मोदी ने आगे कहा कि स्वंय नीतीश कुमार ने कहा कि 2025 का नेतत्व तेजस्वी करेंगे। मर्जर के बारे में भी सहमति बनी थी। उन्होंने कहा कि जेडीयू सच में कमजोर हो रही है। जदयू को पिछले चुनाव में 44 सीटें क्यों आती, अगर जदयू कमजोर नहीं है तो। लालू यादव के लौट आने का इंतजार कीजिए। डील के अनुसार अगर काम नहीं हुआ तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से भी हटना पडे़गा।