Bihar Election 2025: आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयोग द्वारा घोषित किए गए मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने कड़ा ऐतराज जताया है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने इसे पूरी तरह “गलत और पक्षपातपूर्ण” कदम बताया है।
प्रदेश अध्यक्ष मंडल ने आरोप लगाया कि, “चुनाव आयोग द्वारा प्रमाण-पत्र के आधार पर नए नाम जोड़ने की प्रक्रिया को जिस तरह से अचानक शुरू किया गया है, उसका सीधा लाभ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को मिलना तय है।” उन्होंने कहा कि यह फैसला जनभावनाओं के खिलाफ है और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करता है।
उन्होंने बताया कि राजद ने इस मुद्दे को चुनाव आयोग की हालिया बैठक में भी गंभीरता से उठाया था। हमने आयोग को साफ शब्दों में कह दिया है कि इस निर्णय का हम हर स्तर पर विरोध करेंगे। चुनाव आयोग को निष्पक्षता बरतनी चाहिए, न कि किसी दल विशेष के एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहिए।
प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी
राजद नेता का कहना है कि चुनाव से ठीक पहले मतदाता सूची में फेरबदल का कोई औचित्य नहीं है और यह संकेत करता है कि कहीं न कहीं प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। उन्होंने चुनाव आयोग से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की।
राजद के इस बयान से साफ है कि बिहार में चुनावी माहौल गर्म होता जा रहा है और निष्पक्षता को लेकर राजनीतिक दलों के बीच अविश्वास की खाई और गहरी हो रही है।