सौरभ कुमार, पटना: पटना हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महिला के घर को कथित रूप से गिराने के लिए बिहार पुलिस को फटकार लगाते हुए टिप्पणी की, “क्या यहां भी बुलडोजर चलने लगा? आप किसका प्रतिनिधित्व करते हैं, राज्य या किसी निजी व्यक्ति का? तमाशा बना दिया। किसी का भी घर बुलडोजर से तोड़ देंगे।”
इस मामले में थाना प्रभारी के जवाबी हलफनामे पर विचार करते हुए अदालत ने प्रथम दृष्टया यह पाया कि राज्य पुलिस द्वारा कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना घर को अवैध रूप से ध्वस्त कर दिया गया।
Gujarat Election: हार्दिक पटेल ने वोट डालने के बाद किया दावा, बोले- बीजेपी इस बार 150 सीटें जीतेगी
पटना हाई कोर्ट के जज संदीप कुमार ने पुलिस को ज़ोरदार लताड़ लगाई
---विज्ञापन---कोर्ट की कार्यवाही का वीडियो हुआ वायरल
1 महिला के घर पर बुलडोज़र चलने से आगबूला हुए Patna High Court Judge Sandeep Kumar #SandeepKumar pic.twitter.com/asdhC4MlxU
— News24 (@news24tvchannel) December 4, 2022
पीठ ने क्या कहा
जस्टिस संदीप कुमार की पीठ ने यह भी कहा कि सभी अधिकारियों की किसी न किसी भू-माफिया से मिलीभगत है। पीठ ने मौखिक रूप से कहा, “भूमि विवाद को चिन्हित कर थाना को ही पावर दे दिया है निष्पादन करना का? आपका समस्या है तो थाना जाए, पैसा दीजिए और घर तुड़वा दीजिए किसी का… सिविल कोर्ट को बंद कर दीजिए। (भूमि विवादों की पहचान करने के बाद क्या पुलिस स्टेशन को निष्पादन की शक्ति दी गई है? अगर किसी को कोई समस्या है तो वह पुलिस स्टेशन जा सकता है, पैसा दे सकता है और किसी का घर तोड़ सकता है … फिर सिविल कोर्ट को बंद कर दें)।”
8 दिसंबर को होगी मामले की अगली सुनवाई
इसके अलावा, जब पीड़ित के वकील द्वारा अदालत को सूचित किया गया कि कुछ भू-माफिया भी मामले में शामिल हैं और ऐसे व्यक्तियों को याचिका में प्रतिवादी नंबर 8 से 12 तक के रूप में शामिल किया गया। कोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी किया और सुनवाई की अगली तारीख (8 दिसंबर) को अपने वकीलों के माध्यम से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। एसएचओ, अगमकुआं पुलिस स्टेशन को प्रतिवादी नंबर 8 से 12 के आपराधिक पूर्ववृत्त प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया था।
गौरतलब है कि जब याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को सूचित किया कि याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भूमि माफियाओं के इशारे पर जमीन खाली करने के लिए दबाव बनाने के लिए झूठा मामला दर्ज किया गया तो पीठ ने याचिकाकर्ता को आश्वासन दिया कि वह याचिकाकर्ता की सुरक्षा के लिए है न कि याचिकाकर्ता को परेशान करने के लिए। नतीजतन, अदालत ने एफआईआर पर रोक लगा दी और पुलिस को मामले में याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार करने से रोक दिया।
जस्टिस संदीप कुमार ने राज्य के वकील को अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए आगे टिप्पणी की, “5-5 लाख रुपये दिलवाएंगे हम, घर टूटने का…पर्सनल पॉकेट से। एजेंट बने हुए हैं ना… इसे रोका जाना चाहिए।” कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक, पटना पूर्व, अंचल अधिकारी, पटना सिटी और प्रभारी अधिकारी, अगमकुआं पुलिस स्टेशन, पटना को भी 8 दिसंबर, 2022 को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का निर्देश दिया।
और पढ़िए –देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें