Bihar News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार भूजल स्तर बनाए रखने के लिए ठोस और दूरगामी कदम उठा रही है। जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत पंचायती राज विभाग द्वारा चलाए गए कुओं के जीर्णोद्धार और सोख्ता निर्माण कार्य ने अब असर दिखाना शुरू कर दिया है। गांव-गांव में जल संचयन की यह मुहिम न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मिसाल पेश कर रही है, बल्कि आने वाले वर्षों में जल संकट से निपटने की मजबूत नींव भी तैयार कर रही है।
कुओं का जीर्णोद्धार किया गया
सोख्ता निर्माण के क्षेत्र में भी सरकार ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। कुओं के नजदीक 19,542 सोख्ता बनाने का लक्ष्य तय था, जिनमें से अब तक 18,895 का निर्माण हो चुका है। नालंदा जिला इस अभियान में सबसे आगे रहा, जहां निर्धारित 1,939 सोख्तों का निर्माण पूरी तरह संपन्न हुआ। अरवल, औरंगाबाद, बेगूसराय, लखीसराय और मधेपुरा सहित कई जिलों में लक्ष्य से अधिक काम कर राज्य में जल संरक्षण के प्रति बढ़ती जनभागीदारी का प्रमाण दिया है।
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पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के अनुसार, गांवों में जल संचयन के प्रति लोगों में अभूतपूर्व जागरूकता आई है। सरकार का उद्देश्य है कि प्रत्येक पंचायत में जल संरक्षण की पुख्ता व्यवस्था हो, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार के जल संकट का सामना न करना पड़े।
जिलावार सोख्ता निर्माण
अररिया- 54, अरवल- 335, औरंगाबाद- 626, बांका- 637, बेगूसराय- 723, भागलपुर- 976, भोजपुर- 640, बक्सर- 535, दरभंगा- 513, गया- 270, गोपालगंज- 800, जमुई- 724, जहानाबाद- 606, कैमूर- 401, कटिहार- 112, खगड़िया- 133, किशनगंज- 41, लखीसराय- 188, मधेपुरा- 127, मधुबनी- 95, मुंगेर- 811, मुजफ्फरपुर- 390, नालंदा- 1939, नवादा- 731, पश्चिमी चंपारण- 638, पटना- 586, पूर्वी चंपारण- 1707, पूर्णिया- 107, रोहतास- 274, सहरसा- 235, समस्तीपुर- 997, सारण- 69, शेखपुरा- 247, सिहोर- 174, सीतामढ़ी- 489, सिवान- 631, सुपौल- 52, वैशाली में 282 का निर्माण किया गया।
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