बिहार के मुजफ्फरपुर की पावन भूमि पर 17 मई को ‘किसान कल्याण संवाद सह युवा किसान सम्मान समारोह’ का आयोजन किया गया। बिहार सरकार के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इसकी अध्यक्षता की। उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के अलावा इस कार्यक्रम में वैशाली के सांसद वीणा देवी, पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता और कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल भी मौजूद रहे। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने ‘जय जवान, जय किसान’ के भाव को ‘जय अनुसंधान, जय नवाचार’ की बात की।
कैसे आत्मनिर्भर बन रहे किसान?
डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नमन करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में ‘जय जवान, जय किसान’ के भाव को ‘जय अनुसंधान, जय नवाचार’ के साथ जोड़कर किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत करोड़ों किसानों को हर साल 6,000 रुपये की सीधी सहायता मिल रही है। साथ ही ड्रोन तकनीक, प्राकृतिक खेती और किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के जरिए खेती को लाभ का व्यवसाय बनाया जा रहा है।
“आज बोचहा विधानसभा के मुसहरी में बीज प्रशंसकरण के उद्घाटन के लिए पहुंचे
बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री आदरणीय श्री विजय कुमार सिन्हा जी का रोहुआ चौक पर कार्यकर्ताओं के साथ भव्य स्वागत की। #KisanKalyanYatra #Muzaffarpur #BJP4Farmers #NariShakti #ViksitBihar #ModiKiGuarantee pic.twitter.com/yTHDao5b57— Baby Kumari BJP (@babykumaribjp) May 17, 2025
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कैसे गांवों में संभव है करोड़ों का बिजनेस?
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘विकास पुरुष’ बताते हुए कहा कि ‘जीविका’, ‘हर खेत तक सिंचाई’ और ‘कृषि रोडमैप’ जैसी योजनाओं ने बिहार के किसानों को एक नई दिशा दी है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कृषि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण, अनुदान और विपणन की योजनाएं चल रही हैं, जिससे गांवों में ही करोड़ों का बिजनेस संभव हो पा रहा है।
डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन
डिप्टी सीएम सिन्हा ने बताया कि कृषि के लिए 1.85 लाख करोड़ का बजट अब तक का सबसे बड़ा आवंटन है, जो साल 2014 से पहले के मुकाबले 4 गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि 15,000 एफपीओ का गठन, जैविक खेती के लिए 12,000 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज, एग्री-स्टार्टअप फंड और डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के तहत बजट में 200 प्रतिशत की वृद्धि जैसे कदम किसानों को आधुनिक और आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
मुजफ्फरपुर में खुला सीड प्रोसेसिंग यूनिट
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री द्वारा मुशहरी, मुजफ्फरपुर में 500 मीट्रिक टन क्षमता वाली बीज प्रसंस्करण इकाई और गोदाम का उद्घाटन किया गया। उन्होंने राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र का भी भ्रमण किया और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए लीची उत्पादन की नवीन तकनीकों का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। साथ ही बाजार समिति परिसर, अहियापुर का निरीक्षण किया गया।
मक्का उत्पादक जिला घोषित हुआ मुजफ्फरपुर
किसानों से संवाद के दौरान नीरज कुमार ने मुजफ्फरपुर को मक्का उत्पादक जिला घोषित करने और मक्का आधारित उद्योग की स्थापना की मांग की। उन्होंने बताया कि वे 50 एकड़ में मक्का की खेती कर रहे हैं। सोनू निगम कुमार ने परवल की नई किस्म पर हो रहे अनुसंधान की जानकारी दी और सब्जी बीज वितरण योजना को पंचायत स्तर तक लाने का अनुरोध किया। राजेश रंजन ने प्राकृतिक खेती में गैर रैयत किसानों को प्राथमिकता देने की मांग की, वहीं राजू रंजन कुमार ने शेडनेट में खीरा उत्पादन के अनुभव साझा किए और खेती का लेखा-जोखा रखने की सलाह दी।
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किसानों के लिए इनमें भी बहुत कुछ
सिन्हा ने कहा कि आज बिहार का किसान केवल अन्नदाता नहीं ‘सर्वदाता’ बन रहा है। जैविक खेती, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन और बागवानी जैसे क्षेत्रों में बिहार देश को दिशा दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि सम्मानित किए गए युवा किसान हमारे भविष्य के नायक हैं। उनकी मेहनत, सोच और नवाचार बिहार की माटी को सोना बना रही है।
कार्यक्रम के अंत में उप मुख्यमंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि वे वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाएं, सरकार की योजनाओं से जुड़ें और अपने बच्चों को भी कृषि उद्यमिता में आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि यह संवाद एक जनांदोलन की शुरुआत है।