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बिहार

मैथिली ठाकुर चुनाव जीतेंगी या नहीं? क्या कहते हैं समीकरण, BJP ने अलीनगर से दिया टिकट

Maithili Thakur BJP Candidate: बिहार की अलीनगर विधानसभा सीट से मैथिली ठाकुर पर BJP ने दांव तो खेल दिया है, लेकिन अब देखना यह है कि पहली बार राजनीति में आई मैथिली की राह कितनी आसान और कितनी मुश्किल होगी?

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Oct 16, 2025 14:42
Maithili Thakur
मैथिली ठाकुर अलीनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं.

Maithili Thakur Aalinagar Seat: मशहूर फोक सिंगर मैथिली ठाकुर का पॉलिटिकल डेब्यू बिहार के चुनावी रण में नया रंग भर सकता है. मैथिली भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन कर चुकी है और पार्टी ने उन्हें मौजूदा विधायक मिश्री लाल यादव का टिकट काटकर दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है, लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा है कि आखिर BJP ने मैथिली पर दांव क्यों खेला और क्या वे चुनाव जीत पाएंगी या नहीं?

ऐसे बन सकते हैं हार-जीत के समीकरण

वहीं अलीनगर से मैथिली की जीत-हार को लेकर भी सियासी गलियारों में अटकलें लगाई जा रही हैं. कुछ लोग कहते हैं कि क्योंकि अलीनगर RJD का गढ़ है तो साल 2010 और 2015 में यहां से RJD के अब्दुल बारी सिद्दीकी चुनाव जीतकर विधायक बने थे, वहीं 2020 में VIP की टिकट से मिश्री लाल यादव ने चुनाव जीता था, जिनकी टिकट मैथिली ने काटा है, क्योंकि वे BJP के सदस्य बन गए थे, लेकिन एक मामले में 2 साल सजा होने के बाद उनकी विधायकी छिन गई थी.

दूसरी ओर, कहा जा रहा है कि अलीनगर में 15-20% ब्राह्मण, 20-25% यादव और 25-30% मुस्लिम वोटर्स हैं. वहीं ब्राह्मणों और मुस्लिमों का गठजोड़ होने के साथ-साथ यादव वोटों का ध्रुवीकरण भी चुनावी जीत में अहम भूमिका निभाता है, ऐसे में अगर मैथिली ब्राह्मण और मुस्लिम वोट हासिल कर लेती है तो चुनाव में जीत संभव है, अन्यथा RJD की मजबूत पकड़ कड़ी टक्कर देगी और मैथिली को हार का सामना करना पड़ सकता है, जो NDA के लिए झटका होगा.

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BJP ने मैथिली ठाकुर पर क्यों खेला दांव?

बता दें कि दरभंगा की अलीनगर सीट से VIP छोड़कर BJP जॉइन करने वाले मिश्री लाल यादव की विधायकी छिन गई थी, क्योंकि उन्हें एक मामले में 2 साल की सजा हुई थी, जिस वजह से यहां BJP की छवि थोड़ी धूमिल हुई. यही कारण है कि इस बार BJP को इस सीट को बरकरार रखने के लिए एक मजबूत और साफ छवि वाला कैंडिडेट चाहिए था. क्योंकि मैथिली बिहार में काफी मशहूर हैं और बिल्कुल नया यंग फेस हैं, इसलिए BJP ने उन पर दांव खेला है.

ब्राह्मण चेहरे के कारण मैथिली को चुना

बता दें कि 2020 के चुनाव में ब्राह्मण वोट बैंक RJD के साथ चला गया था और मिश्री लाल यादव विधायक बन गए थे. हालांकि वे बाद में BJP में आ गए थे, लेकिन उनकी जीत में यादवों के साथ-साथ ब्राह्मणों ने भी निर्णायक भूमिका निभाई थी. इसलिए BJP इस बार अलीनगर से ब्राह्मण उम्मीदवार पर दांव खेलना चाहती थी. क्योंकि मैथिली ब्राह्मण हैं और लोकगायिका होने के नाते हर वर्ग में मशहूर हैं तो वे सभी जातियों की महिलाओं का दिल जीत सकती हैं.

क्या चुनौतियों हो सकती हैं सामने?

पहली चुनौती RJD उम्मीदवार से मिल सकती है, क्योंकि RJD साल 2010 और साल 2015 में लगातार 2 बार इस सीट से चुनाव जीत चुकी है. वहीं अलीनगर का मुस्लिम-यादव गठजोड़ RJD के पक्ष में जाता है और यह समीकरण RJD के लिए काफी मजबूत है. दूसरी चुनौती, आंतरिक विरोध होगा, क्योंकि अलीनगर के BJP नेताओं ने मैथिली को बाहरी बताते हुए विरोध किया और स्थानीय नेता संजय सिंह (पप्पू भइया) का समर्थन किया. नया चेहरा और राजनीतिक अनुभव की कमी भी एक चुनौती हो सकती है.

First published on: Oct 16, 2025 02:28 PM

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