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बिहार

‘बिहार दौरे से पहले इन सवालों का जवाब दें PM मोदी’, महागठबंधन के नेताओं ने गिनाई प्रदेश की समस्याएं

चुनावी माहौल में बिहार का भविष्य फिर से चर्चा में है। महागठबंधन ने पीएम मोदी के दौरे पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बिहार को खास दर्जा नहीं मिलने से विकास पिछड़ रहा है। अब सवाल उठ रहे हैं क्या बिहार को गुजरात जैसा विकास मिलेगा?

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 29, 2025 14:32
Mahagathbandhan
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बिहार में चुनावी मौसम में महागठबंधन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय दौरे को लेकर बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस मौके पर राजद के मनोज झा, कांग्रेस के राजेश राठौर और अन्य नेताओं ने बिहार की गंभीर समस्याओं को उठाया। उन्होंने खासकर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा न मिलने, बढ़ते अपराध और विकास की धीमी गति पर केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कड़ी आलोचना की। महागठबंधन ने साफ कहा कि बिहार को गुजरात जैसा विकास चाहिए और बिहार के बच्चों को बेहतर शिक्षा और रोजगार मिले, न कि सिर्फ दिखावे के लिए दौरे।

महागठबंधन ने उठाए बिहार के विकास और विशेष दर्जे के सवाल

महागठबंधन ने बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा, कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर, महागठबंधन के मुख्य प्रवक्ता शक्ति यादव समेत कई नेता शामिल थे। उन्होंने बिहार की विकास नीति, विशेष राज्य का दर्जा, आरक्षण और सुरक्षा जैसी गंभीर समस्याओं पर चर्चा की और सरकार से जवाब मांगा। मनोज झा ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि बिहार को गुजरात जैसा विकास क्यों नहीं मिल रहा और क्यों बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि बिहार किसी से ईर्ष्या नहीं करता, बल्कि यह बिहार की अपनी पीड़ा है। बिहार चाहता है कि उसकी आर्थिक स्थिति भी गुजरात की तरह मजबूत हो, लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार का सहयोग जरूरी है। मनोज झा ने कहा कि बिहार में आरक्षण के दायरे को बढ़ाना प्रधानमंत्री के हाथ में है, लेकिन इसे नौवीं अनुसूची में शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है, इस पर भी जवाब देना चाहिए।

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बिहार में बढ़ती अपराध और सुरक्षा की चिंता

कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि अगर उन्होंने विशेष राज्य का दर्जा मांगना छोड़ दिया है तो बिहार का विकास कैसे हो पाएगा। उन्होंने चंपारण की चीनी मिल से चाय पीने के वादे को भी याद दिलाया, जो पूरा नहीं हुआ। राजेश राठौर ने बिहार की बढ़ती हुई अपराध समस्या पर भी चिंता जताई। उनका कहना था कि पटना की मुख्य सड़कों और बाजारों में लगातार गोलियों की आवाज सुनाई दे रही है और यह सुरक्षा व्यवस्था की विफलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार का दौरा कर रहे हैं, फिर भी सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की है। इसके बावजूद बिहार की राजधानी में अपराध चरम सीमा पर है।

प्रशांत किशोर ने दिया रोजगार और शिक्षा का समाधान

प्रशांत किशोर ने भी बिहार की समस्याओं पर केंद्र सरकार और मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार को ऐसी ट्रेनों की जरूरत नहीं है जिसमें बच्चे जानवरों की तरह बैठकर दूसरे राज्यों में काम करने जाते हैं। बिहार को अब बेहतर शिक्षा व्यवस्था और रोजगार की सख्त जरूरत है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज कसा कि अगर वे बिहार के गरीबों के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं, तो कम से कम उनके टैक्स के पैसे से अपना और अपनी पार्टी का प्रचार मत करें। उनका कहना था कि बिहार के लोगों को असली विकास चाहिए, न कि दिखावे के लिए दौरे।

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महागठबंधन ने केंद्र और राज्य सरकार पर कड़ा रुख अपनाया

महागठबंधन के नेताओं ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कर दिया कि बिहार की स्थिति गंभीर है और केंद्र व राज्य सरकारों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने बिहार के विकास, सुरक्षा और आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार से सवाल उठाए और बिहार की समस्याओं को नजरअंदाज करने का विरोध किया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए महागठबंधन ने बिहार के लोगों के हित में आवाज बुलंद की है और आगामी चुनाव में इसे एक प्रमुख मुद्दा बनाने का ऐलान किया है।

First published on: May 29, 2025 02:32 PM

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