बिहार में पहली बार चुनावी मैदान में उतरने जा रही जनसुराज के मुखिया प्रशांत किशोर को 100 करोड़ का नोटिस मिला है. बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर को 100 करोड़ के मानहानि का नोटिस भेजा है. दरअसल प्रशांत किशोर ने अशोक चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. नोटिस में बिना शर्त माफी मांगने की बात कही है. प्रशांत किशोर ने मंत्री अशोक चौधरी पर 200 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था.
प्रशांत किशोर के आरोपों पर अशोक चौधरी ने कहा कि प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए निराधार एवं भ्रामक आरोप उनकी घबराहट और बौखलाहट का परिणाम हैं. इससे पहले भी उन्होंने प्रशांत किशोर पर मानहानि का मामला दायर किया था, जिसके अंतर्गत माननीय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, पटना द्वारा परिवाद वाद संख्या 6989/2025 में प्रशांत किशोर को दिनांक 17.10.2025 को पेशी हेतु बुलाया गया है.
डर गए हैं प्रशांत किशोर- अशोक चौधरी
अशोक चौधरी ने कहा कि न्यायालय से बुलावा आने के बाद प्रशांत किशोर डर गए और उसी घबराहट में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऊल-जुलूल एवं झूठे आरोप लगाने लगे. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर ने जिस तथाकथित 200 करोड़ रुपये की संपत्ति का हवाला दिया है, वह सरासर झूठ है. अशोक चौधरी का कहना है कि उनकी बेटी जो समस्तीपुर से सांसद है, उसकी छवी धूमिल करने की कोशिश की जा रही है. जिस संपत्ति को लेकर बेनामी का आरोप लगाया जा रहा है, वह पूर्णतः निराधार है.
अशोक चौधरी ने कहा कि प्रशांत किशोर में न तो राजनीतिक शुचिता है और न ही जनसेवा की कोई दृष्टि. वे केवल अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं और निराधार आरोपों के सहारे जनता को गुमराह करने का षड्यंत्र रच रहे हैं, जिनकी पूरी राजनीतिक नींव ही झूठ और भ्रामकता पर टिकी हो, वे जनता के कल्याण और उनके हितों की रक्षा की बात कैसे कर सकते हैं? प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी झूठा दावा किया कि उनकी पत्नी नीता केसकर चौधरी और समधन के बीच बैंकिंग लेन-देन हुआ है. यह पूरी तरह असत्य और भ्रामक है. उन्होंने कहा कि इस तरह की मनगढ़ंत बातें करके प्रशांत किशोर केवल जनता को गुमराह कर रहे हैं.
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उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि पहले ही ₹100 करोड़ का मानहानि नोटिस भेजा जा चुका है. इस नोटिस के तहत प्रशांत किशोर को सात दिन के भीतर लिखित एवं मौखिक रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिना शर्त माफी मांगनी होगी. यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उनके विरुद्ध उपयुक्त आपराधिक कार्यवाही और ₹100 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति हेतु दीवानी वाद दायर किया जाएगा.